लिप-बू टैन कौन हैं जिन्हें सौंपी गई Intel की कमान, ट्रंप की हसरतों को क्या लगा पाएंगे पंख?
Updated on
13-03-2025 02:42 PM
नई दिल्ली: इंटेल ने अपने पूर्व बोर्ड सदस्य और चिप इंडस्ट्री के दिग्गज लिप-बू टैन को अपना नया सीईओ नियुक्त किया है। यह नियुक्ति 18 मार्च से प्रभावी होगी। इसके साथ ही, कंपनी ने संकेत दिए हैं कि वो अपने चिप डिजाइन और निर्माण कार्यों को अलग नहीं करेगी। टैन की नियुक्ति पूर्व CEO पैट गेल्सिंगर को हटाए जाने के तीन महीने बाद हुई है। गेल्सिंगर की महंगी और महत्वाकांक्षी योजनाएं कंपनी को उबारने में नाकाम रहीं और निवेशकों का विश्वास डगमगा गया। टैन जो पहले इंटेल बोर्ड के सदस्य थे, को चिप इंडस्ट्री में उनके गहरे अनुभव और स्टार्टअप्स में निवेशक के रूप में उनकी भूमिका के कारण सीईओ पद के दावेदार के रूप में देखा जा रहा था। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर में इंटेल बोर्ड ने उनसे इस पद के लिए अपनी रुचि के बारे में बात की थी। इस खबर के बाद इंटेल के शेयरों में 12% की तेजी देखी गई। विश्लेषकों ने इस कदम का स्वागत किया है। कहा है कि इससे कंपनी में स्थिरता आएगी। 2024 में कंपनी के शेयरों में 60% की गिरावट आई थी।
बदलाव के दौर से गुजर रही है इंटेल
इंटेल ऐतिहासिक बदलाव के दौर से गुजर रही है। कंपनी एडवांस्ड AI चिप्स के बाजार में पिछड़ रही है, जबकि Nvidia जैसी कंपनियां इस क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। इंटेल दूसरी कंपनियों के लिए चिप्स बनाने पर भी भारी खर्च कर रही है। इससे निवेशकों को अपने कैश फ्लो की चिंता सता रही है। पिछले दो महीनों में मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि ब्रॉडकॉम जैसी प्रतिद्वंदी कंपनियां इंटेल के चिप डिजाइन और मार्केटिंग बिजनेस का मूल्यांकन कर रही हैं। वहीं, TSMC इंटेल के चिप प्लांट्स पर नियंत्रण करने पर विचार कर रही है। मुमकिन है किसी निवेशक समूह या अन्य ढांचे के हिस्से के रूप में। रॉयटर्स ने मंगलवार को बताया कि TSMC ने इंटेल के कुछ बड़े संभावित मैन्युफैक्चरिंग ग्राहकों से इंटेल की फैक्ट्रियों को चलाने के लिए एक संयुक्त उद्यम बनाने के बारे में बात की थी। यह बातचीत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की ओर से TSMC से इंटेल को मदद करने का अनुरोध करने के बाद हुई।
चिप इंडस्ट्री के महारथी हैं टैन
चिप इंडस्ट्री के विश्लेषक जैक ई. गोल्ड ने टैन की नियुक्ति को स्वागत योग्य कदम बताया है। उन्होंने कहा कि टैन को सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री की गहरी समझ है। प्रोडक्ट डिजाइन और चिप मैन्युफैक्चरिंग दोनों के नजरिए से। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां इंटेल फाउंड्री को अपने उपकरणों को अधिक यूजर फ्रेंडली और संभावित ग्राहकों के लिए सुलभ बनाने में मदद की जरूरत है। गोल्ड और अन्य विश्लेषकों का मानना है कि टैन कंपनी को एक साथ रखना चाहते हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी के किसी भी बदलाव में सालों लगेंगे और निवेशकों को धैर्य रखना होगा।
टैन ने अपने पत्र में कहा, 'इंटेल एक ऐसी कंपनी है जिसकी मैं लंबे समय से प्रशंसा करता हूं।' उन्होंने बिजनेस को पलटने में विश्वास व्यक्त किया। 65 वर्षीय टैन मलेशिया में जन्मे और सिंगापुर में पले-बढ़े हैं। उनके पास फिजिक्स, न्यूक्लियर इंजीनियरिंग और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में डिग्रियां हैं। वह 2009 से 2021 तक इंटेल के सप्लायर और चिप-डिजाइन सॉफ्टवेयर कंपनी Cadence Design Systems के सीईओ रहे। उनके कार्यकाल के दौरान कंपनी के राजस्व और स्टॉक में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई। टैन ने पिछले साल कंपनी को कैसे बदला जाए, इस पर मतभेदों के चलते इंटेल के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था। रॉयटर्स की पिछली रिपोर्ट के अनुसार, वह कंपनी के बड़े कार्यबल, कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग के प्रति उसके दृष्टिकोण और इंटेल की जोखिम-विरोधी और नौकरशाही संस्कृति से निराश थे। इंटेल ने कहा कि टैन अब फिर से बोर्ड में शामिल होंगे।
ट्रंप की हसरतों को क्या कर पाएंगे पूरा?
मूर इनसाइट्स एंड स्ट्रैटेजी के प्रमुख विश्लेषक अंशेल साग ने कहा कि टैन इस भूमिका में स्थिरता और अनुभव लाते हैं। यही कारण है कि उनका मानना है कि कंपनी टैन की नियुक्ति के साथ अपने रास्ते पर बनी रहेगी। फाउंड्री और प्रोडक्ट को विकसित करना जारी रखेगी। टैन की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब ट्रंप देश में अधिक मैन्युफैक्चरिंग पर जोर दे रहे हैं। आयात पर टैरिफ लगाने की धमकी दे रहे हैं, जिससे वैश्विक बाजार हफ्तों से अस्थिर हैं। हालांकि, ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से इंटेल के बारे में कोई सीधी टिप्पणी नहीं की है, लेकिन उन्होंने कहा है कि ताइवान सहित एशियाई देशों ने चिप निर्माण में अमेरिका की बढ़त छीन ली है। इस महीने की शुरुआत में इंटेल की प्रतिद्वंदी TSMC ने ट्रंप के साथ एक प्रेस कार्यक्रम में कहा कि वह अमेरिका में 100 अरब डॉलर का नया निवेश करने की योजना बना रही है। इसमें पांच अतिरिक्त चिप सुविधाएं बनाना शामिल है। हालांकि, ट्रंप चिप्स के लिए 52.7 अरब डॉलर की सब्सिडी देने के 2022 के द्विदलीय कानून को रद्द करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसके तहत इंटेल को अनुदान मिला है।
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