बेटी की मौत के लिए प्रार्थना करती थीं मौसमी चटर्जी, आखिरी बार लाडली को देखने तक नहीं पहुंचीं मां, ये थी कहानी
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24-04-2025 02:19 PM
गुजरे जमाने की मशहूर अदाकारा मौसमी चटर्जी ने उस दौर के बड़े-बड़े सितारों के साथ कई शानदार फिल्में दीं। उन्होंने 'रोटी कपड़ा और मकान', 'अनारी', 'फूल खिले हैं गुलशन गुलशन', 'प्यासा सावन' जैसी कई शानदार फिल्मों में काम किया। हालांकि, पर्सनल लाइफ को लेकर भी मौसमी काफी चर्चा में रहीं। उनकी लाइफ को लेकर सबसे अधिक सुर्खियां तब रहीं जब उनके दामाद ने कहा कि वो अपनी बेटी को आखिरी बार देखने तक नहीं आईं। वहीं बता दें कि मौसमी अपने इंटरव्यू में इस बात का खुलासा कर चुकी हैं कि वो अपनी बेटी की मौत के लिए भगवान से प्रार्थना कर रही थीं।
'पायल को उसकी गलती का खामियाजा भुगतना पड़ा'
मौसमी चटर्जी ने कहा, 'उसने (पायल) ने एक गलती की थी, जिसका उसे खामियाजा भुगतना पड़ा था। हमारे पूरे परिवार ने इसका खामियाजा भुगता। मैं खाली ये नहीं बोल सकती कि पायल ने गलत किया, अगर पायल ने गलत किया तो हम क्यों भुगत रहे हैं। ये भी नहीं कह सकती कि एक मां के तौर पर मैं भुगत रही, लेकिन फिर मेरे हसबैंड क्यों भुगत रहे। मेरी छोटी बेटी क्यों भुगत रही है?
वो समय-समय पर कोमा से बाहर आती रही
उन्होंने 'लहरें रेट्रो' से हुई बातचीत में मौसमी ने कहा, 'वो बहुत प्यारी बच्ची थी, लेकिन उसने बहुत झेला। वो साल 2017 में कोमा में चली गई थी। वो समय-समय पर कोमा से बाहर आती रही लेकिन हमें टर्म्स एंड कंडीशन के साथ उसे देखने की इजाजत थी।'
'हमें पुलिस और कोर्ट के जरिए जाना पड़ता था'
उन्होंने आगे कहा, 'हमें पुलिस और कोर्ट के जरिए जाना पड़ता था। पायल भी जाना चाहती थी, मुझे भी भगवान से प्रार्थना करनी पड़ी कि इसे दूर ले जाओ। मैं उसे दर्द में नहीं देख सकती थी। हमें एक दिन अपने शरीर को छोड़कर जाना है तो दर्द सहने का क्या मतलब है। अगर आपको मेरी आत्मा से प्यार है, तो आप कहेंगे कि मुझे जाने दो।'
'मुझसे देखा नहीं जा रहा था'
उन्होंने कहा कि ये दुख पूरे परिवार ने मिलकर झेला, वो उनके भाई-बहन सब साथ थे। उन्होंने कहा, 'मेरी मां की भी उस दौरान डेथ हो गई, उन्हें पता नहीं था कि पायल उन्हें देखने क्यों नहीं आती, मैं उन्हें नहीं बता पाई कि वो हॉस्पिटल में कोमा में है।' उन्होंने ये भी कहा, 'पायल ने खुद को नजरअंदाज किया, जो भी उसका मेंटल कंडीशन था। मुझे भगवान से प्रार्थना करना पड़ा क्योंकि जो वो झेल रही थी, मुझसे देखा नहीं जा रहा था।'
'मैंने भी अपने हाथ से झोली खाली करके बच्चा दे दिया'
चटर्जी ने कहा, 'मैंने कभी किसी का बुरा नहीं चाहा। भगवान ने मुझे काफी कुछ दिया है और मैंने भी उनसे कहा कि मैंने भी आपको बहुक दिया है। मैंने आपको अपनी बेटी दे दी। मैंने भी अपने हाथ से झोली खाली करके बच्चा दे दिया न। और क्या कर सकते हैं हम। और फिर भी मैं खुश हूं क्योंकि किसी न किसी मां का आंचल खाली हो ही रहा, खासकर हमारे जवान के घर, इसलिए हम रात को सुकून से सो सकते हैं। जवान के घर एक बॉडी आता है और मां दूसरा बच्चा तैयार करती है...तो उनके सामने हमारा कोई दुख दुख नहीं है। और इसलिए मैं हंस सकती है, मुस्कुरा सकती हूं। मैं कहती हूं कि दुख जो है न वो बांटने का चीज नहीं है।'
क्या थी पीछे की कहानी
बताया जाता है कि मौसमी चटर्जी के दामाद ने कुछ संगीन आरोप लगाए थे जिसके बाद मामला कोर्ट पहुंचा था। दरअसल मौसमी चटर्जी की बड़ी बेटी पायल ने बिजनेसमैन डिकी सिन्हा से शादी रचाई थी। दोनों परिवार एक दूसरे से इसलिए भी कनेक्टेड थे क्योंकि मौसमी चटर्जी और डिकी का परिवार बिजनेस पार्टनर था। इसके बाद धीरे-धीरे बिजनेस को लेकर मनमुटाव हुआ और दोनों परिवार का रिश्ता खराब होने लगा।
दामाद पर आरोप- बेटी का ख्याल नहीं रखते
इसी दौरान मौसमी चटर्जी की बेटी पायल कोमा में चली गईं। वहीं बेटी के इलाज के दौरान साल 2018 में मौसमी चटर्जी ने दामाद के खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा था कि वह उनकी बेटी का ख्याल नहीं रख रहे हैं, न ही उनके इलाज के पैसे भर रहे हैं। इसके बाद बात इतनी बढ़ी कि डिकी सिन्हा ने मौसमी चटर्जी पर मानहानि का केस किया और वो केस जीत भी गए।
मौसमी उन्हें आखिरी बार देखने तक नहीं पहुंचीं
इसके बाद तो उनके रिश्ते और तल्ख हो गए और नफरत ने इस कदर घर कर लिया था कि जब करीब 30 महीने तक कोमा में रहने के बाद साल 2019 में पायल का निधन हुआ तो मौसमी उन्हें आखिरी बार देखने तक नहीं पहुंचीं।
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