भोपाल मेट्रो की ऑरेंज लाइन के दूसरे फेज का काम 108 आरा मशीनों और ईरानी डेरा के अतिक्रमण की वजह से अटक गया है। 3 महीने बीतने के बावजूद आरा मशीनें शिफ्ट नहीं हो पाई हैं। दूसरी ओर, अब ईरानी डेरा के अतिक्रमण को लेकर बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। यहीं पर मेट्रो का अंडरग्राउंड स्टेशन बनना है, लेकिन अफसर अतिक्रमण नहीं हटा पा रहे हैं।
भोपाल रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म-6 के बाहर ईरानी डेरा है। सुभाषनगर से करोंद के बीच दो में से एक अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन यही पर बनना है। 30 दिसंबर को नर्मदा आइस फैक्ट्री के भूखंड से 29 अतिक्रमण तोड़े गए थे।
ईरानी डेरा में भी कार्रवाई हुई थी, लेकिन पूरी तरह से अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका। बताया जाता है कि कुछ लोगों ने कोर्ट से स्टे ले रखे हैं। इस कारण अफसर कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं। एसडीएम दीपक पांडे ने बताया, ईरानी डेरा के अतिक्रमण को हटाने के प्रयास किए जा रहे हैं। जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
जमीन अलॉट, 5.5 करोड़ रुपए भी दिए
बरखेड़ी फाटक से भारत टॉकीज तक मेट्रो के रूट पर 108 आरा मशीनें हैं। करीब 48 साल में इन मशीनों की शिफ्टिंग पर 50 से ज्यादा बार चर्चाएं हो चुकी हैं। 8 लोकेशन भी देखी जा चुकीं हैं।
लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार छोटा रातीबड़ में 18 एकड़ जमीन अलॉट की गई। जहां साढ़े 5 करोड़ रुपए से सड़क, बिजली और पानी की सुविधाएं दी जाएगी। मेट्रो ने यह राशि भी दे दी है, लेकिन जमीन पर कुछ भी नहीं हुआ है।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग ने अब तक डीपीआर और नक्शा ही तैयार किया है। इस कारण यहां सड़क, बिजली और पानी जैसी सुविधाएं तैयार नहीं हुई है। ऐसे में आरा मशीन शिफ्ट नहीं हो पाई है। जब तक आरा मशीनें नहीं हटेंगी, तब तक दूसरे फेज का काम भी शुरू नहीं हो पाएगा।
दो फेज में होगा काम...
फेज-1: 650 करोड़ में 6 स्टेशन बनेंगे
सुभाष नगर डिपो से करोंद तक कुल 8.77 किमी में से 5.38 किमी हिस्से में 6 एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन बनेंगे। इसमें 650 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस काम की शुरुआत हो चुकी है। पुराने शहर में बैरिकेडिंग की गई है। कुछ दिन पहले मंत्री विश्वास सारंग ने रूट का निरीक्षण कर जल्द काम करने को कहा था।