पाकिस्तान की गीदड़भभकी तो देखिए
पाकिस्तानी सेना के अधिकारी ने आगे कहा कि "मुझे उम्मीद है कि ऐसा समय नहीं आएगा, लेकिन यह ऐसी कार्रवाई होगी जिसे दुनिया देखेगी और जिसके परिणामों के लिए हम आने वाले वर्षों और दशकों तक लड़ेंगे। कोई भी पाकिस्तान का पानी रोकने की हिम्मत नहीं कर सकता।" पाकिस्तान की सेना की तरफ से ये गीदड़भभकी भारत की तरफ से पिछले महीने दशकों पुरानी सिंधु जल संधि को एकतरफा सस्पेंड करने के बाद आई है। भारत ने साफ कर दिया है कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते हैं। भारत के गृहमंत्री अमित शाह ने भी कहा है कि पाकिस्तान तय करे कि उसे आतंकवाद भेजना है या उसे पानी चाहिए। भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को सस्पेंड कर दिया है।
आपको बता दें कि सिंधु जल संधि को सस्पेंड करने के भारत के फैसले से पाकिस्तान में खलबली मची हुई है। पाकिस्तान में इससे गंभीर जल संकट शुरू हो सकता है। इसपर भारत और पाकिस्तान ने कई सालों की बातचीत के बाद 19 सितंबर 1960 को साइन किए थे। उस वक्त विश्व बैक की मौजूदगी में भारतीय प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तान की तरफ से जनरल अयूब खान ने कराची में दस्तखत किए थे। इसके तहत भारत से निकलने वाले पश्चिमी नदियों सिंधु, झेलम और चिनाब की नदियों का करीब 80 प्रतिशत जल प्रवाह पाकिस्तान को दिया गया था। जबकि पूर्वी नदियों रावी, ब्यास और सतलुज नदी पर भारत को पूर्ण नियंत्रण दिया गया था। हालांकि पाकिस्तान को जिन नदियों का अधिकार प्राप्त हुआ, उनपर भी भारत कई अधिकार रखता है। भारत और पाकिस्तान के बीच सबसे टिकाऊ संधि यही रही है और कारगिल युद्ध, 26/11, पुलवामा जैसे हमलों के बाद भी भारत ने इसे सस्पेंड नहीं किया था, लेकिन अब भारत ने सख्त रूख अपनाते हुए सिंधु जल संधि को सस्पेंड कर दिया है।
पाकिस्तानी सेना के अधिकारी ने आगे कहा कि "मुझे उम्मीद है कि ऐसा समय नहीं आएगा, लेकिन यह ऐसी कार्रवाई होगी जिसे दुनिया देखेगी और जिसके परिणामों के लिए हम आने वाले वर्षों और दशकों तक लड़ेंगे। कोई भी पाकिस्तान का पानी रोकने की हिम्मत नहीं कर सकता।" पाकिस्तान की सेना की तरफ से ये गीदड़भभकी भारत की तरफ से पिछले महीने दशकों पुरानी सिंधु जल संधि को एकतरफा सस्पेंड करने के बाद आई है। भारत ने साफ कर दिया है कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते हैं। भारत के गृहमंत्री अमित शाह ने भी कहा है कि पाकिस्तान तय करे कि उसे आतंकवाद भेजना है या उसे पानी चाहिए। भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को सस्पेंड कर दिया है।
आपको बता दें कि सिंधु जल संधि को सस्पेंड करने के भारत के फैसले से पाकिस्तान में खलबली मची हुई है। पाकिस्तान में इससे गंभीर जल संकट शुरू हो सकता है। इसपर भारत और पाकिस्तान ने कई सालों की बातचीत के बाद 19 सितंबर 1960 को साइन किए थे। उस वक्त विश्व बैक की मौजूदगी में भारतीय प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तान की तरफ से जनरल अयूब खान ने कराची में दस्तखत किए थे। इसके तहत भारत से निकलने वाले पश्चिमी नदियों सिंधु, झेलम और चिनाब की नदियों का करीब 80 प्रतिशत जल प्रवाह पाकिस्तान को दिया गया था। जबकि पूर्वी नदियों रावी, ब्यास और सतलुज नदी पर भारत को पूर्ण नियंत्रण दिया गया था। हालांकि पाकिस्तान को जिन नदियों का अधिकार प्राप्त हुआ, उनपर भी भारत कई अधिकार रखता है। भारत और पाकिस्तान के बीच सबसे टिकाऊ संधि यही रही है और कारगिल युद्ध, 26/11, पुलवामा जैसे हमलों के बाद भी भारत ने इसे सस्पेंड नहीं किया था, लेकिन अब भारत ने सख्त रूख अपनाते हुए सिंधु जल संधि को सस्पेंड कर दिया है।