नेपाल में बुद्ध एयर के एक विमान के बाएं इंजन में आग लगने के बाद काठमांडू में त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर VOR लैंडिंग या मैनुअल लैंडिंग की गई। विमान में क्रू मेंबर समेत 76 लोग सवार थे। इस हादसे में अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
नेपाल सरकार की तरफ से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि बुद्ध एयर का एक प्लेन बाएं इंजन में आग लगने की वजह से राजधानी काठमांडू से 43 किलोमीटर पूर्व में पहुंच गया था। जिसके बाद यह सिंगल इंजन पर फ्लाय करके काठमांडू लौट आया।
सुबह 11:15 बजे त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इसकी मैनुअल लैंडिग की गई। प्लेन में सवार सभी यात्री और क्रू मेंबर पूरी तरह सुरक्षित हैं।
क्या होती है VOR लैंडिंग
VOR लैंडिंग एक तरह से मैनुअल लैंडिंग का हिस्सा है। VOR लैंडिंग पायलट्स के लिए एक ऐसा तरीका है जिसके जरिए वे VOR (वेरी हाई फ्रीक्वेंसी ओमनीडायरेक्शनल रेंज) नाम के ग्राउंड-बेस रेडियो स्टेशन से सिग्नल का इस्तेमाल करके विमान को नेविगेट और लैंड करते हैं। यह पायलट्स को रनवे के साथ लाइन अप करने में मदद करता है, जब वे इसे साफ तौर पर देख नहीं पाते हैं।
भौगोलिक स्थिति पायलटों के लिए बड़ी चुनौती
एक्सपर्ट्स का कहना है कि दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र, खराब मौसम, पुराने विमान और अनुभवहीन पायलट नेपाल को उड़ानों के लिए सबसे खतरनाक देश बनाते हैं। नेपाल के सिविल एविएशन अथॉरिटी की 2019 की सेफ्टी रिपोर्ट के मुताबिक देश की खतरनाक भौगोलिक स्थिति भी पायलटों के सामने बड़ी चुनौती होती है।
नेपाल में लगभग 3 करोड़ लोग रहते हैं। यहां दुनिया के 14 सबसे ऊंचे पहाड़ों में से माउंट एवरेस्ट समेत 8 स्थित हैं। रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल का एकमात्र इंटरनेशनल एयरपोर्ट समुद्र तल से 1,338 मीटर ऊपर एक संकरी घाटी में है, इस वजह से विमानों को मुड़ने के लिए काफी तंग जगह मिलती है।
नेपाल में हर साल हो रहा एक बड़ा प्लेन हादसा
नेपाल में हर साल औसत एक विमान हादसा होता है। साल 2010 से 2023 तक 12 प्लेन क्रैश हो चुके हैं। 14 जनवरी 2023 को यहां बड़ा विमान हादसा हुआ था। यति एयरलाइंस का प्लेन काठमांडू से 205 किमी दूर पोखरा में क्रैश हो गया था। यह ATR-72 प्लेन था, जिसमें 68 यात्री और चार क्रू मेंबर सवार थे।