भोपाल । राजधानी
के युवाओं ने
पबजी सहित कुल
188 चीनी ऐप बंद
करने का स्वागत
किया है। केंद्र
सरकार के इस
निर्णय को शहर
के युवाओं ने
सराहनीय बताया है। उनका
कहना है कि
इन बेकार के
ऐप से युवाओं
का कीमती समय
बरबाद हो रहा
था। अवसाद में
डालने वाले इन
ऐप से युवा
पीढ़ी का नुकसान
हो रहा था।
इस निर्णय पर
रिसर्च स्कॉलर एवं मध्य
प्रदेश हिंदी साहित्य भारती
के संयुक्त महामंत्री
शुभम चौहान ने
कहा कि पबजी
व अन्य कई
ऐप बंद करना
करोड़ों युवाओं के हित
में है। गांव
के गांव बर्बाद
हो रहे थे,
जिन्हें न कोई
काम से मतलब
था न देश
से, वे बस
सुबह-शाम चौराहों
पर बैठकर दिन
रात मोबाइल की
चमचमाती स्क्रीन में व्यस्त
रहते थे। यह
नया नशा था,
जिससे एक पूरी
पीढ़ी ग्रसित थी।
ऐसे ऐप खेलों
की जगह नहीं
ले सकते जबकि
खेल हमें अवसाद
से बाहर निकालते
हैं, शारीरिक क्षमता
को बढ़ाते हैं
और सामूहिकता की
भावना विकसित करते
हैं। समाजिक कार्यकर्ता
शिवम मिश्रा ने
कहा कि अब
युवाओं की भागीदारी
शैक्षणिक गतिविधियों में बढ़
सकेगी। पब्जी गेम पर
प्रतिबंध से देश
के युवाओं का
ध्यान बेहतर रूप
से केंद्रित हो
सकेगा साथ ही
स्वदेश में निर्मित
एप को बढ़ावा
मिलेगा। उन्होंने कहा कि
अब युवाओं को
राष्ट्रहित में निस्वार्थ
भाव से स्वयं
का व्यक्तित्व विकास
करते हुए योगदान
देना चाहिए। पबजी
जैसे खेल खेलने
से बच्चे मानसिक
रूप से बीमार
हो रहे थे
और हिंसात्मक प्रवृत्ति
की ओर बढ़
रहे थे।इंजीनियरिंग छात्र
प्रतीक राजावत ने कहा
कि पबजी जैसे
खेल युवाओं की
दूरदर्शिता और मनोवैज्ञानिक
क्षमताओं को बुरी
तरह प्रभावित कर
रहे थे। सरकार
ने इस तरह
के ऐप बंद
करके युवाओं के
हित में फैसला
लिया है। जो
उम्र मैदानों में
खेलने की थी,
शारीरिक विकास को विकसित
करने की थी
उस उम्र में
युवा चार दीवारों
के बीच मानसिक
रूप से पंगु
बन रहे थे।