दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को फेक आईडी और डॉक्यूमेंट्स बनाने वाले रैकेट के 11 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनमें से 5 सदस्य बांग्लादेशी हैं। यह लोग बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए फेक आधार कार्ड, वोटर आईडी और अन्य डॉक्यूमेंट्स बनाते थे। जिसका इस्तेमाल करके बांग्लादेशी भारत में एंट्री करते थे।
डीसीपी साउथ अंकित चौहान ने बताया कि 5 बांग्लादेशियों और 6 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेज बरामद हुए हैं जिनमें आधार कार्ड, वोटर आईडी और पासपोर्ट शामिल हैं। वेबसाइट के संचालक रजत मिश्रा और अन्य को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा एक महिला को गिरफ्तार किया है, जिसने फर्जी आधार कार्ड से वोटर कार्ड बनवाया था। अब तक शहर में 1000 से अधिक अवैध बांग्लादेशियों की पहचान की गई है।
डीसीपी ने बताया- गिरोह कैसे काम करता है
बांग्लादेशी जंगल के रास्ते भारत में आते हैं। इन्हें शंतो शेख नामक व्यक्ति फर्जी आधार कार्ड और सिम कार्ड देता है।
दिल्ली पहुंचने पर उन्हें फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मिल जाता है और इसके आधार पर उन्हें असली आधार कार्ड मिल जाता है।
फर्जी जन्म प्रमाण पत्र एक वेबसाइट के जरिए बनाए जाते हैं। इस वेबसाइट से 288 फर्जी प्रमाण पत्र बनाए गए थे।
डीसीपी ने बताया कि हत्या के मामले में वांछित 4 संदिग्धों को भी गिरफ्तार किया गया है। वे भी बांग्लादेश से आए थे और फर्जी दस्तावेजों के जरिए देश में दाखिल हुए। यहां दिल्ली में उन्होंने कंप्यूटर सेंटर पर साहिल नाम के व्यक्ति से संपर्क किया, जिसने उनके लिए फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाए।
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को बांग्लादेशी अप्रवासियों की पहचान के लिए कालिंदी कुंज इलाके में चेकिंग अभियान चलाया। यहां रहने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि उनकी बस्ती में 5-6 बार चेकिंग की गई है। पुलिस वोटर आईडी और आधार कार्ड मांगती है। यहां कोई बांग्लादेशी नहीं रहता है।
उपराज्यपाल के निर्देश पर कार्रवाई शुरू की गई
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 10 दिसंबर को मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त को दिल्ली में अवैध तौर पर रह रहे बांग्लादेशी अप्रवासियों की पहचान करके सख्त कार्रवाई करने के लिए 2 महीने का खास ऑपरेशन शुरू करने का निर्देश दिया था।
दिल्ली पुलिस का टारगेटेड ऑपरेशन
दिल्ली पुलिस ने 11 दिसंबर से बांग्लादेशियों की पहचान के लिए अभियान शुरू कर दिया। पुलिस अभियान में घर-घर जाकर सत्यापन, दस्तावेजों की जांच और पूछताछ शामिल थी। टारगेटेड ऑपरेशन चलाने के लिए स्थानीय पुलिस और विदेशी सेल वाली खास टीमों को तैनात किया गया था।
दिल्ली नगर निगम (MCD) ने भी 21 दिसंबर को शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग को अवैध बांग्लादेशियों के संबंध में नोटिस भेजा था। सभी संबंधित विभागों को 31 दिसंबर 2024 तक एक्शन रिपोर्ट देने को कहा गया है।