इस सरकारी कंपनी ने अडानी ग्रुप के शेयरों से की 22,378 करोड़ की कमाई, जानिए पूरी डिटेल
Updated on
25-04-2024 01:22 PM
नई दिल्ली: सरकारी कंपनियों के शेयरों में हाल में काफी तेजी आई है। देश के सबसे बड़े घरेलू संस्थागत निवेशक एलआईसी (LIC) ने मुनाफावसूली करते हुए मार्च तिमाही में 16 सरकारी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी में कटौती की है। दिलचस्प बात है कि इन सभी शेयरों में इस साल डबल डिजिट में तेजी आई है। एलआईसी के पोर्टफोलियो में 300 स्टॉक हैं और इस साल अब तक उसके पोर्टफोलियो में 1.6 लाख करोड़ रुपये की तेजी आ चुकी है। उसके पोर्टफोलियो की मार्केट वैल्यू 14 लाख करोड़ पहुंच चुकी है जो देश की दूसरी सबसे वैल्यूएबल कंपनी टीसीएस के मार्केट कैप के बराबर है। एलआईसी ने मार्च तिमाही में कम से कम नौ सरकारी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है।
ACE Equity के आंकड़ों के मुताबिक एलआईसी ने मार्च तिमाही में कम से कम 80 शेयरों में अपनी हिस्सेदारी कम की है। इनमें 16 सरकारी कंपनियां भी शामिल हैं। एलआईसी ने बीएचईएल, सेल, कोल इंडिया, ऑयल इंडिया, महानगर गैस, मॉयल, एसबीआई, केनरा बैंक, एचपीसीएल, एनएमडीसी स्टील, एनएमडीसी, शिपिंग कॉरपोरेशन, आईओसी, कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, ओएनजीसी और एनटीपीसी शामिल हैं। साथ ही कंपनी ने टाटा पावर, वेदांता, जेएसडब्ल्यू एनर्जी, वोल्टास, टाटा मोटर्स और लार्सन एंड टुब्रो जैसे शेयरों में भी अपनी हिस्सेदारी कम की है। हालांकि इस दौरान एलआईसी ने नौ सरकारी शेयरों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। इनमें एनएलसी, आईजीएल, बैंक ऑफ बड़ोदा, एनएचपीसी, एचएएल, एसजेवीएन, आईआरसीटीसी, पावर ग्रिड कॉरपोरेशन और आरवीएनएल शामिल हैं।
अडानी ग्रुप की कंपनियों में निवेश
साथ ही कंपनी ने नवीन फ्लोरीन, बाटा इंडिया, स्वान एनर्जी, एलटीआईमाइंडट्री, एशियन पेंट्स, अपोलो टायर्स, पतंजलि फूड्स, इन्फोसिस, नेस्ले, सोना बीएलडब्ल्यू और कोटक महिंद्रा में अपनी हिस्सेदारी मार्च तिमाही में बढ़ाई है। अडानी ग्रुप में एलआईसी के निवेश की वैल्यू दिसंबर तिमाही के अंत में 52,779 करोड़ रुपये थी जो मार्च तिमाही के अंत में बढ़कर 61,660 करोड़ रुपये हो गई। इस तरह तीन महीने में एलआईसी ने 8,900 करोड़ रुपये की कमाई की। पूरे फाइनेंशियल ईयर की बात करें तो 2024 में एलआईसी की होल्डिंग की वैल्यू में 59 फीसदी यानी 22,378 करोड़ रुपये बढ़ गई। वैल्यू के हिसाब से अडानी ग्रुप में एलआईसी का सबसे ज्यादा निवेश अडानी पोर्ट्स और अडानी एंटरप्राइजेज में है। एलआईसी के पोर्टफोलियो में अडानी ग्रुप के सात शेयर हैं। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के कारण पिछले साल अडानी ग्रुप के शेयरों में काफी गिरावट आई थी। इससे देश में राजनीतिक बवाल हुआ था और अडानी ग्रुप के शेयरों में एलआईसी के निवेश पर विपक्ष ने सवाल उठाए थे।
अडानी ग्रुप की कंपनियों में निवेश
साथ ही कंपनी ने नवीन फ्लोरीन, बाटा इंडिया, स्वान एनर्जी, एलटीआईमाइंडट्री, एशियन पेंट्स, अपोलो टायर्स, पतंजलि फूड्स, इन्फोसिस, नेस्ले, सोना बीएलडब्ल्यू और कोटक महिंद्रा में अपनी हिस्सेदारी मार्च तिमाही में बढ़ाई है। अडानी ग्रुप में एलआईसी के निवेश की वैल्यू दिसंबर तिमाही के अंत में 52,779 करोड़ रुपये थी जो मार्च तिमाही के अंत में बढ़कर 61,660 करोड़ रुपये हो गई। इस तरह तीन महीने में एलआईसी ने 8,900 करोड़ रुपये की कमाई की। पूरे फाइनेंशियल ईयर की बात करें तो 2024 में एलआईसी की होल्डिंग की वैल्यू में 59 फीसदी यानी 22,378 करोड़ रुपये बढ़ गई। वैल्यू के हिसाब से अडानी ग्रुप में एलआईसी का सबसे ज्यादा निवेश अडानी पोर्ट्स और अडानी एंटरप्राइजेज में है। एलआईसी के पोर्टफोलियो में अडानी ग्रुप के सात शेयर हैं। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के कारण पिछले साल अडानी ग्रुप के शेयरों में काफी गिरावट आई थी। इससे देश में राजनीतिक बवाल हुआ था और अडानी ग्रुप के शेयरों में एलआईसी के निवेश पर विपक्ष ने सवाल उठाए थे।
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