सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला और सरकारी बैंकों के लाखों कर्मचारियों की निकल गई चीख
Updated on
09-05-2024 02:00 PM
नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSU Banks) के कर्मचारियों को इम्पलॉयर से कई तरह की सहूलियतें मिलती हैं। इनमें एक सहूलियत इंटरेस्ट फ्री (Zero Interest Loan) या रियायती ब्याज दर (Concessional Loan) पर मिला लोन भी शामिल है। बैंक कर्मचारियों को मिलने वाले इसी तरह के लोन पर सुप्रीम कोर्ट की कलम चल गई है। एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि कर्मचारियों को अपने बैंक से ब्याज मुक्त (Interest Free Loan) या कम ब्याज ऋण (Low-Interest Rate Loan) लेने पर जो भी पैसा बचता है, उस पर इनकम टैक्स लगेगा। सुप्रीम कोर्ट ने इनकम टैक्स एक्ट की धारा 17 (2)(viii) और इनकम टैक्स रूल और 3(7)(i) की वैधता को बरकरार रखा है।
बैंक यूनियन की याचिका खारिज
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने मंगलवार को ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन (AIBOC) की याचिकाओं और विभिन्न बैंकों के कर्मचारी संघों और अधिकारी संघों द्वारा दायर अपीलों को खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया। इन अपीलों में आयकर कानून और आयकर नियम के प्रावधानों की वैधता को चुनौती दी थी। आईटी अधिनियम और इसके नियम बैंक कर्मचारियों को दिए गए ब्याज-मुक्त या कम-ब्याज ऋण के माध्यम से बचाए गए धन पर इनकम टैक्स लगाने की अनुमति देते हैं।
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने
सुप्रीम कोर्ट की इस पीठ ने कहा “बैंक कर्मचारियों को ब्याज मुक्त ऋण या रियायती ब्याज दर पर ऋण से मिलने वाला लाभ एक अनूठा लाभ/लाभ है जो उन्हें प्राप्त होता है। यह एक 'अनुलाभ' (Perquisite) की प्रकृति में है, और इसलिए कराधान के लिए उत्तरदायी है'' ।
क्या है इनकम टैक्स विभाग का नियम
नियम के अनुसार, जब कोई बैंक कर्मचारी शून्य-ब्याज या रियायती ब्याज दर पर ऋण लेता है, तो वह सालाना जितनी राशि बचाता है, उसकी तुलना एक सामान्य व्यक्ति द्वारा भारतीय स्टेट बैंक से उतनी ही राशि का ऋण लेकर भुगतान की जाने वाली राशि से की जाती है, जिस पर बाजार दर लगती है। दोनों के बीच के ब्याज का जो अंतर होता है, उस राशि पर आयकर लगता है।
अन्य फ्रिंज बेनीफिट माना जाए
इस फैसले को लिखते हुए, न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा कि ब्याज मुक्त या रियायती ऋण के मूल्य को अनुलाभ के रूप में कर लगाने के लिए 'अन्य अनुषंगी लाभ या सुविधा' (Other fringe benefit or amenity) के रूप में माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "नियोक्ता द्वारा ब्याज मुक्त ऋण या रियायती दर पर ऋण देना निश्चित रूप से 'फ्रिंज बेनिफिट' और 'अनुलाभ' के रूप में योग्य होगा, जैसा कि आम बोलचाल में इसके प्राकृतिक उपयोग से समझा जाता है।" पीठ का कहना था “अनुलाभ 'वेतन के बदले लाभ' के विपरीत कर्मचारी द्वारा धारित पद से जुड़ा एक अतिरिक्त लाभ है, जो अतीत या भविष्य की सेवा के लिए एक पुरस्कार या प्रतिपूर्ति है। यह रोज़गार से संबंधित है और वेतन से अधिक या अतिरिक्त है। यह रोजगार के कारण दिया जाने वाला लाभ या लाभ है, जो अन्यथा उपलब्ध नहीं होगा”।
सुप्रीय कोर्ट ने यह भी कहा
इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा “हमारी राय है कि अतिरिक्त लाभ के रूप में ब्याज मुक्त/रियायती ऋण पर कर लगाने के लिए अधीनस्थ कानून का अधिनियमन अधिनियम की धारा 17(2)(viii) के तहत नियम बनाने की शक्ति के अंतर्गत है। धारा 17(2)(viii) स्वयं, और नियम 3(7)(i) का अधिनियमन अत्यधिक प्रतिनिधिमंडल का मामला नहीं है और अनुमेय प्रतिनिधिमंडल के मापदंडों के भीतर आता है ”। उनका कहना था “धारा 17(2) विधायी नीति को स्पष्ट रूप से चित्रित करती है और नियम बनाने वाले प्राधिकरण के लिए मानक निर्धारित करती है। तदनुसार, नियम 3(7)(i) अधिनियम की धारा 17(2)(viii) के अंतर्गत है''। जस्टिस खन्ना और जस्टिस दत्ता ने कहा, “नियम 3(7)(i) एसबीआई की ब्याज दर, यानी पीएलआर, को अन्य व्यक्तिगत बैंकों द्वारा लगाए गए ब्याज की दर की तुलना में निर्धारिती को लाभ का मूल्य निर्धारित करने के लिए बेंचमार्क के रूप में प्रस्तुत करता है। . बेंचमार्क के रूप में एसबीआई की ब्याज दर का निर्धारण न तो मनमाना है और न ही शक्ति का असमान प्रयोग है।
नई दिल्ली: महिलाएं अब आसानी से खुद का कारोबार शुरू कर सकती हैं। कारोबार को शुरू करने के लिए लोन की जरूरत होती है। अब महिलाओं का इसकी समस्या नहीं होगी।…
नई दिल्ली: देश में बीते महीनों में महंगाई लगातार बढ़ी है। कई ऐसे राज्य हैं जहां महंगाई काफी बढ़ गई है। वहीं कुछ राज्य ऐसे हैं जहां महंगाई सबसे कम बढ़ी…
नई दिल्ली: बैंकिंग दिग्गज और आईसीआईसीआई की नींव रखने वाले नारायणन वाघुल (Narayanan Vaghul) का निधन हो गया है। वह 88 साल के थे और पिछले दो दिन से चेन्नई के…
नई दिल्ली: दिग्गज आईटी कंपनी कॉग्निजेंट (Cognizant) ने अपने कर्मचारियों को सख्त चेतावनी दी है। कंपनी ने फरमान जारी किया है कि कर्मचारियों के पास नौकरी बचाने का आखिरी मौका है।…
नई दिल्ली: एआई का इस्तेमाल पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है। दुनिया की कई कंपनियां अब एआई (Artificial Intelligence) का खूब इस्तेमाल कर रही हैं। एआई के आने से…
नई दिल्ली: क्या आज म्यूचुअल फंड के सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) में निवेश करते हैं? हर साल सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले इंडेक्स में स्विच करते रहते हैं? अगर आपका उत्तर…
नई दिल्ली: भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। अब संयुक्त राष्ट्र ने भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर के अनुमानों को संशोधित किया है, जिसके मुताबिक, भारतीय अर्थव्यवस्था साल…