भोपाल |आज भारत के सभ्य समाज में बढ़ते हुए अपराधों के ग्राफ के कारण असुरक्षा का जो वातावरण निर्मित है और इस असुरक्षा से निजात दिलाने के लिए सरकारें जितने संसाधन झोंक रही हैं वह अपर्याप्त क्यों महसूस हो रहे हैं बस यही सरकारों के लिए बुद्धिजीवियों के लिए और समाज में समाज के लिए निरंतर काम करने वाले रणवाकुरों के लिए चिंता का और चिंतन मनन का विषय है. हालांकि ऐसा नहीं है समस्या कोई भी हो और उसका हल नहीं निकल सकता सवाल सिर्फ इच्छा शक्ति का है. सिर्फ प्राथमिक सूचना रिपोर्ट की धाराओं के नंबर बदलने से कुछ नहीं होने वाला जब तक कानून में कड़े दंड का प्रावधान नहीं होगा सरकार आमजन के सुकून के लिए इसी प्रकार संसाधन झोंकती रहेगी और वर्तमान यथा स्थिति भी कायम रहेगी. इस क्षेत्र में केंद्र सरकार हो अथवा राज्य सरकार अब कुछ ना कुछ नवाचार करना ही पड़ेगा तभी स्थिति काबू में आ सकेगी. अनेक यूरोपीय देशों में दंड के ऐसे कड़े प्रावधान हैं कि अपराधी अपराध करने के बाद दोबारा उसे करने के लिए या तो उसे मौका ही नहीं मिलता या फिर एक हजार बार सोचता है. जबकि हमारे देश में ऐसा नहीं है आज भी अनेक अपराधी जब किसी नए प्रकरण में दर्ज होते हैं तो पता चलता है इस सभ्य समाज में यह अपराधी पहले से ही अपने सर पर 10. 12 अपराध लिए हुए निश्चित भाव से घूम रहे हैं. आर्थिक अपराध में तो स्थिति अब और भी दयनीय होती जा रही है या इसको ऐसा समझा जा सकता है युवा बेरोजगारों ने तो इस अपराध को बेरोजगारी दूर करने का साधन बना लिया है उनका कॉन्सेप्ट सिर्फ इतना सा है 2.4 करोड़ रूपया लूटो चार-पांच वर्ष की जैल काटो फिर आराम से बाहर आकर लाइफ एंजॉय करो. इस प्रकार के अनेक प्रकरणों में तो अपराधी जेल जाकर तुरंत जमानत पर भी बाहर आ जाते हैं और उस पैसे का सदुपयोग भी प्रारंभ कर देते हैं यही नहीं इस पेसै को वह अपने ऊपर दायर मुकदमा को कमजोर करने के लिए भी खर्च करते हैं जिसमें उन्हें असातीत सफलता भी मिलती है. अभी-अभी छत्तीसगढ़ सरकार ने अपराधों की रोकथाम के लिए एक नवाचार अवश्य किया है वह यह चोरी का सामान खरीदने वाले को आजन्म का रावास का दंड देने का प्रावधान कानून में किया है और वास्तव में यह कानून यदि पूरी इच्छा शक्ति के साथ धरातल पर उतरता है तो अन्य अनेक प्रकार के अपराधों पर अंकुश अवश्य लगेगा. इस प्रकार के नवाचार केंद्र सरकार और अन्य राज्य सरकारों को भी करना चाहिए. देश विदेश में निवेश के नाम पर तो कभी विदेशी सरकारों द्वारा आमंत्रित किए जाने के कारण या अन्य इसी प्रकार के किसी अन्य प्रकल्प के कारण भारी भरकम डेलिगेशन के साथ विदेश यात्रा करने वाले राजनेताओं को थोड़ा समय निकालकर वहां की दंड संहिताओं का भी अध्ययन करना चाहिए. बहुत समय निकल गया और इस शुभ कार्य को करने के लिए बहुत समय बाकी है केंद्र सरकार को इस विषय में तत्काल कोई नीतिगत निर्णय लेते हुए इन सभी विषयों पर गंभीरता के साथ चिंतन मनन करते हुए तत्काल कोई ठोस कदम उठाना चाहिए तभी देश में अमन और चैन का शासन स्थापित हो सकेगा.
पश्चिम मध्य रेल, भोपाल मण्डलप्रेस विज्ञप्ति सं.820/2024, दिनांक 23.12.2024*01033/01034 ** मंडल के खिरकिया,हरदा,बनापुरा एवं इटारसी स्टेशन से होकर गुजरेगी*भोपाल | रेल प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं एवं यात्रियों को सुगम, सुरक्षित एवं…
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