भोपाल । प्रदेश के सिवनी जिले के सिमरिया गांव में बैनगंगा महिला समूह की महिलाओं ने दस एकड़ में जैविक तरीके से काले धान की फसल लगाई है। परंपरागत फसलों से हटकर महिला किसान औषधि गुणों से भरपूर काले चावल की खेती करने लगी हैं।विशेषज्ञों की माने तो स्वास्थ्य के लिए उपयोगी काला चावल बीमारियों को दूर रखने में मददगार साबित हो रहा है। एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर यह चावल मधुमेह (शुगर) को नियंत्रित रखता है, वहीं मोटापे (फेट) को भी कम करता है। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ ही हृदय (हार्ट) के लिए भी फायदेमंद है। फिलहाल काले चावल की किस्म विकसित नहीं हुई है। बालाघाट कृषि महाविद्यालय के वैज्ञानिक इस पर शोध कर रहे हैं। सिवनी कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में सिमरिया व मेटेवानी गांव में पांच-पांच एकड़ में काले चावल की फसल लगाई गई है। सिमरिया के किसान भोपत सनोडिया ने बताया कि अभी तक जैविक खेती में परंपरागत रूप से गोबर व वर्मी कंपोस्ट से तैयार केचुआ खाद का उपयोग किसान करते रहे हैं। लेकिन काली धान की फसल में क्षेत्र के किसान हरी खाद का उपयोग कर रहे हैं। हरी खाद तैयार करने के लिए बीज का उपयोग किया जाता है। 50 से 100 रुपये प्रति किलो की दर पर मिलने वाले बीज को फसल लगाने से पहले खाली खेतों में डाल दिया जाता है। करीब एक एकड़ में 8 से 10 किलो बीज की जरुरत होती है।
एक माह में बीज से हरी खाद के पौधे तैयार हो जाते हैं जिसे रोटोवेटर के जरिये खेत की मिट्टी में ही मिला दिया जाता है। मिट्टी में मिलकर सड़ने के बाद पौधों से तैयार हरी खाद मिट्टी की उर्वरा क्षमता बढ़ा देता है। इससे फसलों के उत्पादन में बढ़ोतरी के साथ खरपतवार व कीटों से भी सुरक्षा होती है। कीटनाशक का छिड़काव नहीं करना पड़ता। और जड़ सड़न व फफूंद रोगों को रोकने में भी कारगर है। सिमरिया के किसानों ने बताया कि समूह के जरिए पिछले साल दो से तीन एकड़ में काले चावल की फसल लगाई थी। प्रति एकड़ में 14-15 क्विंटल तक धान का उत्पादन होता है। इससे 8-10 क्विंटल चावल तैयार किया जा सकता है। काला चावल प्रति क्विंटल 15 हजार रुपए तक बिकता है। जबकि सामान्य धान से तैयार चावल का उत्पादन एक एकड़ में 20-25 क्विंटल होता है जो 3 से 4 हजार रुपए क्विंटल बिकता है। काले चावल से मिल रहे मुनाफे को देखते हुए किसान इस फसल की ओर आकर्षित हो रहे हैं। इस बारे में कृषि विज्ञान केंद्र, सिवनी वरिष्ठ वैज्ञानिक एनके सिंह का कहना है कि सिमरिया व कुरई के मेटेवानी में काले चावल की खेती की जा रही है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ शुगर को नियंत्रित रखता है। इसका नियमित सेवन हार्ट के लिए फायदेमंद है। अच्छा दाम मिलने से किसानों को इसका फायदा मिलेगा।
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