भोपाल । गैस सबसिडी की तरह अब मप्र सरकार बिजली की
सबसिडी राशि सीधे उपभोक्ताओं के खाते में डालने जा रही है। प्रदेश के ऊर्जा विभाग ने
इस योजना पर काम शुरू कर दिया है। इसके लिए उपभोक्ता को पहले पूरे बिल की राशि जमा करनी
होगी। उसके बाद ही सरकार से मिलने वाली राहत उसके खाते में पहुंचेगी। योजना की शुरुआत
में विदिशा, झाबुआ और सिवनी जिले में इसे लागू किया जा रहा है। तकनीकी समस्याओं का
आकलन करने के बाद यह डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम प्रदेशभर में लागू होगी। रसोई
गैस सिलेंडरों पर सब्सिडी की तरह ही प्रदेश बिजली कनेक्शनों पर भी यही व्यवस्था करने
जा रही है। प्रदेश में मुख्यमंत्री कृषि पंप कनेक्शन में सबसे ज्यादा सब्सिडी मिलती
है। किसानों के हिस्से का 92 फीसद बिल प्रदेश सरकार हर साल बिजली कंपनी को सीधे जमा
करती है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम में किसानों को बिजली बिल की पूरी राशि पहले
जमा करना पड़ेगी। इसमें आठ फीसद राशि खुद की और सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी की
राशि 92 फीसद रहेगी। बाद में यह 92 फीसद राशि किसानों के खाते में जमा हो जाएगी। इसी
तरह से इंदिरा गृह ज्योति योजना और संबल योजना के हितग्राहियों को भी बिल का पूरा भुगतान
करना होगा। ऐसे उपभोक्ता जिनकी खपत 100 यूनिट होती है उनका बिल मौजूदा दर के हिसाब
से 634 रुपये होता है। सब्सिडी में उपभोक्ता को 100 रुपये का बिल ही जमा करना होता
है। इस योजना के लागू होने के बाद उपभोक्ता को 634 रुपये का बिल जमा करना होगा। सब्सिडी
के 534 रुपये उपभोक्ता के खाते में सरकार जमा करेगी। इसी तरह से मासिक खपत 150 यूनिट
तक रहने पर 918 रुपये के बिल का पूरा भुगतान करना होगा। बाद में सरकार सब्सिडी के
534 रुपये उपभोक्ता के खाते में डालेगी। अभी उपभोक्ता को केवल 384 रुपये का बिल जमा
करना होता है। उपभोक्ता के आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और लैंड रिकॉर्ड आदि की जानकारी
बिजली कंपनी जुटा रही है ताकि इस योजना को ठीक तरीके से लागू किया जा सके। इस बारे
में मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक आकाश त्रिपाठी का कहना है कि घरेलू
गैस की तरह ही डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना बिजली उपभोक्ताओं पर लागू करने की योजना
है। अभी प्रदेश के तीन शहरों में पायलट प्रोजेक्ट प्रारंभ होगा। दो-तीन माह में इसे
शुरू किया जा रहा है। इसके आधार पर अन्य जगह इसे लागू किया जायेगा। योजना किस ढंग से
लागू होगी, इसे लेकर गाइडलाइन बन रही है।