'हम तभी संतुष्ट होंगे जब...' भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी पन्नू के लिए अमेरिका का ये प्रेम तो देखिए
Updated on
24-10-2024 12:57 PM
नई दिल्ली : भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू मामले को लेकर अमेरिका का प्रेम लगातार बढ़ रहा है। अमेरिकी अधिकारियों की तरफ से पूर्व भारतीय सरकारी अधिकारी विकास यादव के खिलाफ हत्या की साजिश में कथित तौर पर शामिल होने के आरोप की घोषणा के कुछ दिनों बाद अब अमेरिका ने एक कदम आगे बढ़ाया है। भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से खास बातचीत की।
दुश्मन हो या दोस्त...समझौता नहीं
इंटरव्यू में अमेरिकी राजदूत ने कहा कि अमेरिकी अधिकारी मामले में भारत की जांच में प्रगति से संतुष्ट हैं, लेकिन अमेरिका तभी संतुष्ट होगा जब जवाबदेही हासिल होगी। उन्होंने कहा कि अमेरिका चाहता है कि दोषियों को जवाबदेह ठहराया जाए, न कि केवल यह आश्वासन कि भविष्य में अपराध दोहराया नहीं जाएगा। गार्सेटी ने कहा कि अमेरिका किसी भी तरह से आपराधिक गतिविधि पर समझौता नहीं कर सकता, चाहे वह दुश्मन की तरफ से हो या करीबी दोस्त की तरफ से। उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की कि क्या अमेरिका यादव के प्रत्यर्पण की कोशिश करेगा, क्योंकि उन्होंने कहा कि प्रत्यर्पण केवल उसके गिरफ्तार होने के बाद ही हो सकता है।
भारत-अमेरिका का बहुत कुछ दांव पर
अमेरिकी राजदूत ने यह भी कहा कि इस मामले को सही तरीके से न सुलझा पाना भारत और अमेरिका के लिए बहुत कुछ दांव पर लगा सकता है। कनाडा में खालिस्तान अलगाववादियों को मिली छूट और अमेरिकी धरती से उनके द्वारा दी जाने वाली धमकियों के बारे में पूछे जाने पर, गार्सेटी ने कहा कि अमेरिका वास्तविक खतरों को गंभीरता से लेता है। उन्होंने भारत के साथ मजबूत आतंकवाद विरोधी सहयोग का हवाला देते हुए, मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा के खिलाफ प्रत्यर्पण केस का जिक्र किया।
क्या चाह रहा अमेरिका?
गार्सेटी ने कहा कहा कि हमने शुरू से ही दो बातें कही हैं। किसी भी देश से दूसरे देश में इस तरह का व्यवहार अस्वीकार्य है। निश्चित रूप से, अमेरिकियों के रूप में हमारे लिए यह अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि यह एक रेड लाइन है, जो दुश्मन या सबसे करीबी दोस्त से आती है। गार्सेटी का कहना था कि यह हमारी पहली जिम्मेदारी है, चाहे वे कोई भी हों या कुछ भी कहें, यह तय करना कि भाड़े पर हत्या करना गैरकानूनी है, जैसा कि हर देश में है।
उन्होंने कहा कि दूसरा, हम जवाबदेही चाहते हैं। न केवल यह कहना कि यह भविष्य में नहीं होगा, बल्कि यह कि जो लोग इसमें शामिल थे, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाएगा। हमारे अभियोजक इसी पर ध्यान केंद्रित करते हैं। हमारे अभियोजक 100 प्रतिशत राजनीतिक नहीं हैं। उनकी अपनी एक अलग दुनिया है।
मामले की जांच पर संतुष्टि
भारतीय जांच आयोग द्वारा अब तक किए गए काम पर संतोष व्यक्त करते हुए राजदूत ने कहा कि अमेरिका को उम्मीद है कि भारत कानून तोड़ने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए आपराधिक जवाबदेही तय करेगा। गार्सेटी ने कहा, "हम इस बात से बहुत संतुष्ट हैं कि जांच आयोग का गठन किया गया। भारतीय जांच समिति की हाल की अमेरिका यात्रा पर राजदूत ने कहा कि वाशिंगटन में अच्छी, गहन चर्चा हुई, जानकारी साझा की गई। हमें भारतीय पैनल से अच्छा रिस्पॉन्स मिला।
उन्होंने कहा कि हमारे कानून प्रवर्तन अधिकारी इससे खुश थे। लेकिन अंततः, मुझे लगता है कि अमेरिका में लोग तभी संतुष्ट होंगे जब जवाबदेही हासिल होगी। हमारे अभियोजकों ने आपराधिक आरोप लगाने लायक सबूत पेश किए हैं और उन सबूतों को भारतीय जांच टीम के साथ शेयर किया जा सकता है और किया जाएगा। उन्होंने कहा, मैं उम्मीद करता हूं कि भारतीय प्रणाली, अमेरिकी प्रणाली की तरह, जानती है कि हत्या की साजिश अवैध है और लोगों को जवाबदेह ठहराया जाएगा।
विकास यादव के प्रत्यर्पण पर रुख
गार्सेटी ने यह नहीं बताया कि अमेरिकी अधिकारी यादव के प्रत्यर्पण की मांग करेंगे या नहीं, लेकिन जब उनसे पूछा गया कि क्या अमेरिका को उम्मीद है कि भारत उन्हें गिरफ्तार करेगा। इस पर गार्सेटी ने दोहराया कि अमेरिकी अधिकारी जवाबदेही की उम्मीद करते हैं। उन्होंने कहा कि और यह संभवतः एक से अधिक तरीकों से हो सकता है। जवाबदेही के बिना, न्याय नहीं मिलेगा। मैं भारत में इस व्यक्ति की आपराधिक गतिविधियों के बारे में नहीं बोल सकता, लेकिन अमेरिका में अभियोजकों का स्पष्ट रूप से मानना है कि वह अमेरिका में एक आपराधिक साजिश में शामिल था। यह पूछे जाने पर कि क्या यह मुद्दा भारत-अमेरिका संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। राजदूत ने कहा कि हमारे संबंधों में बहुत कुछ दांव पर लगा है, इसलिए हम इसे सही नहीं कर सकते।
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