जिनेवा । संयुक्त राष्ट्र संघ में हुए ऐतिहासिक मतदान के बाद भांग को आखिरकार एक दवा के रूप में मान्यता दे दी गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्युएचओ) के विशेषज्ञों की सिफारिश के बाद संयुक्त राष्ट्र ने ये फैसला किया है। संयुक्त राष्ट्र के मादक पदार्थ आयोग ने भांग को उन ड्रग्स की लिस्ट से हटा दिया है जिसमें हेरोइन जैसे खतरनाक ड्रग्स भी शामिल थे। इस लिस्ट में उन सभी ड्रग्स को रखा जाता है जो बेहद एडिक्टिव हैं, इंसानों के स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक होते हैं और जिनके मेडिकल फायदे बेहद कम या ना के बराबर होते हैं। अब इस लिस्ट से भांग को हटा लिया गया है। हालांकि यूएन के कानून के अनुसार, भांग को अब भी गैर मेडिकल इस्तेमाल के तौर पर एक प्रतिबंधित ड्रग ही माना जाएगा।
प्रतिबंधित मादक पदार्थों की लिस्ट से निकाले जाने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने मतदान कराया था। इस मतदान के पक्ष में 27 देशों ने वहीं 25 सदस्यों ने इसके खिलाफ मतदान किया। इस ऐतिहासिक वोटिंग के दौरान अमेरिका और ब्रिटेन ने बदलाव के पक्ष में मतदान किया। वही भारत, पाकिस्तान, नाइजीरिया और रूस ने इस बदलाव का विरोध किया था। यूएन के इस फैसले के बाद भांग से बनी दवाओं का इस्तेमाल में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। इसके अलावा भांग को लेकर साइंटिफिक रिसर्च को भी काफी बढ़ावा देखने को मिल सकता है। यूएन के इस फैसले के बाद माना जा रहा है कि कई देश भी भांग और गांजे के इस्तेमाल को लेकर अपनी पॉलिसी में बदलाव ला सकते हैं। बता दें कि पिछले कुछ समय से भांग और गांजे के मेडिकल फायदों को लेकर चर्चा काफी तेज हुई है। फिलहाल 50 से अधिक देशों ने भांग की मेडिकल वैल्यू को समझते हुए इसे किसी ना किसी तरह पर वैध किया है। कनाडा, उरुग्वे और अमेरिका के 15 राज्यों में इसके रिक्रिएशनल और मेडिकल इस्तेमाल को वैध किया जा चुका है। वहीं कई रिपोर्ट्स में ये भी सामने आया है कि भारत में गैर-कानूनी रूप से गांजे की दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में जमकर खपत होती है। हालांकि ये अब भी देश में प्रतिबंधित बना हुआ है।