वॉशिंगटन । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बुधवार को अमेरिकी चुनाव के बाद पहली बार पब्लिक में नजर आए। अमेरिका में 11 नवंबर को वेटेरन्स डे (सेना में देश की सेवा कर चुके जवानों को सम्मान देने का दिन) मनाया जाता है। ऐसे मौके पर ट्रंप आर्लिंगटन नेशनल सेमेट्री में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे, लेकिन राष्ट्रीय एकता का यह दिवस, जो बाइडेन से अपनी हार न मानने की ट्रंप की जिद के आगे धूमिल ही रहा। ट्रंप बुधवार को चुनावी नतीजे घोषित होने के चार दिन बाद व्हाइट हाउस से बाहर निकले। हारने के बाद से उन्होंने देश को कोई संबोधन नहीं दिया है। अब तक वो ट्विटर पर ही ट्वीट कर रहे हैं, इसके अलावा उन्होंने वेटरन्स डे को लेकर एक रिलीज जारी किया था। उन्होंने परंपरा के अनुसार बाइडेन के सामने औपचारिक तौर पर हार नहीं मानी है, जैसा कि यहां हर बार होता है।
व्हाइट हाउस में बैठे ट्रंप बार-बार यह प्रोजेक्ट करने की कोशिश कर रहे हैं कि वो वोटर फ्रॉड के लिए केस पर केस फाइल करेंगे और फिर उनकी ही जीत होगी। हालांकि अपने दावों को साबित करने के लिए उन्होंने कोई बहुत ठोस सबूत नहीं दिया है। अमेरिका में कोविड-19 के केस रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं, यहां पर कई राज्य ठंड से महामारी को काबू करने के लिए नए प्रतिबंध लगा रहे हैं, लेकिन ट्रंप ने सामान्यतया राष्ट्रपति की जिम्मदारियों को तिलांजलि दे दी है। ट्रंप ने दावा किया कि विस्कॉन्सिन में मतगणना में कुछ छेड़छाड़ की गई थी, जिसके बाद जो बाइडेन की जीत हुई थी। अब ट्रंप का कहना है कि वो राज्य में जीत हासिल करने जा रहे हैं। उन्होंने कई जगहों पर ऐसी घटनाएं होने का दावा किया है। ट्रंप की इस जिद का साथ कई रिपब्लिकन नेता दे रहे हैं, जिसमें उनके विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो भी हैं। पॉम्पियो ने कहा था कि ट्रंप के दूसरे कार्यकाल को सत्ता हस्तांतरित करने की तैयारी हो रही है। हालांकि, रिपोर्ट्स आई थीं कि फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रंप और उनके दामाद जेरेड कुश्नर चाहते हैं कि ट्रंप हार मान लें और जो बाइडेन के लिए व्हाइट हाउस का रास्ता खाली करें।