ई-स्कूटर मार्केट में छिड़ी जंग! क्या कंपनियां जीत पाएंगी ग्राहकों का भरोसा? चुनौतियों के बारे में भी जान लें
Updated on
29-11-2024 04:15 PM
नई दिल्ली: भारत का ई-स्कूटर मार्केट अपने आप में इस मामले में खास है कि यहां पर मेन स्ट्रीम के खिलाड़ियों के साथ नई कंपनियों का भी दबदबा है। इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बनाने वाली कंपनियों की टॉप 10 की लिस्ट में बजाज और टीवीएस के अलावा हीरो मोटोकॉर्प के विडा ब्रांड का नाम जरूर शामिल हैं। लेकिन नंबर-1 पर कब्जा ओला इलेक्ट्रिक का ही रहता है।
इसके अलावा एथर एनर्जी, ग्रीव्ज इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, काइनेटिक ग्रीन्स, BGAUSS जैसी कंपनियों के नाम आते हैं। अब जब भारत में सबसे ज्यादा स्कूटर बेचने वाली होंडा (HMSI) ने अपने एक्टिवा ब्रांड नेम के साथ ई-स्कूटर को पेश कर दिया है तो इसका मार्केट पर एक पॉजिटिव असर पड़ने की उम्मीद की जा रही है।
ट्रस्ट फैक्टर को मिलेगी मजबूती
इसकी सबसे बड़ी वजह यही है कि होंडा जैसी कंपनी के इस फील्ड से गायब रहने से कई सवाल उठ रहे थे। एक्टिवा के नाम पर कंपनी ने दांव लगाया है तो सबसे बड़ा असर को ट्रस्ट फैक्टर पर ही पड़ेगा। अब तक जो लोग इस वजह से इलेक्ट्रिक टू-वीलर सेगमेंट में दूर थे उनको मार्केट में लाने का काम इलेक्ट्रिक एक्टिवा कर सकती है। अभी ई-स्कूटर मार्केट में तीन मेन स्ट्रीम कंपनियां मौजूद हैं। टीवीएस और बजाज तो बिक्री के मामले में अच्छा कर रही हैं।
हालांकि हीरो की विडा के आंकड़े इतने चौंकाने वाले नहीं रहे। अक्टूबर की रिटेल बिक्री में टीवीएस ने 29915, बजाज ने 28232 और विडा ने 7312 यूनिट्स बेचीं। तीनों ही कंपनियों के पास सिर्फ एक-एक ही मॉडल है, लेकिन उनके कई वैरिएंट्स पोर्टफोलियो में हैं। इस दौरान अकेले ओला इलेक्ट्रिक ने 41651 यूनिट्स बेचीं। एथर ने अक्टूबर में 15993 स्कूटर बेचे।
रिमूवेबल बैटरी पर दिखाया विश्वास
आमतौर पर इलेक्ट्रिक स्कूटर्स में फिक्स्ड बैटरी होती है। यानी उन्हें निकालकर चार्ज नहीं कर सकते। टीवीएस, बजाज और ओला ने अब तक रिमूवेबल बैटरी पर दांव नहीं लगाया था। हालांकि ओला ने होंडा के लॉन्च से पहले रिमूवेबल बैटरी वाले कुछ स्कूटर्स लॉन्च कर दिए जिसे मोटे तौर पर गिग वर्कर्स को टारगेट करने पेश किया गया। लेकिन होंडा ने फिक्स्ड बैटरी की जगह रिमूवेबल बैटरी पर दांव लगाया है।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि रिमूवेबल बैटरी का कॉन्सेप्ट कमर्शल यूज जैसे गिग वर्कर्स के लिए ही ज्यादा मुफीद है। आम लोग इस झंझट में अभी नहीं पड़ना चाहते जिसमें उन्हें भारी भरकम बैटरी उठाकर घर ले जाना पड़े चार्ज करने के लिए। अभी मार्केट में जो अच्छे ई-स्कूटर मौजूद हैं वो एक फुल चार्ज में पूरा हफ्ता एक एवरेज यूजर का निकाल देते हैं।
लेकिन चुनौतियां कायम रहेंगी
ट्रस्ट फैक्टर के अलावा भी इलेक्ट्रिक गाड़ियों के रास्ते में कई चुनौतियां हैं जो होंडा की एंट्री के बाद भी कायम रहेंगी। पेट्रोल स्कूटर के मुकाबले ई-स्कूटर को खरीदने से रोकने के रास्ते में रेंज एनजाइटी, कमजोर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, बैटरी की लाइफ को लेकर चिंता और ज्यादा अपफ्रंट कीमत भी आती हैं।
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