लंदन बुखार के साथ बेहोशी या मतिभ्रम कोरोना बीमारी के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं, खासतौर पर उम्रदराज मरीजों में। यह दावा अध्ययन में किया गया है। जर्नल ऑफ क्लीनिकल इम्यूनोलॉजी एंड इम्यूनोथेरेपी में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक खांसी और सांस लेने में समस्या जैसे लक्षण आने से कई दिन पहले बुखार और मतिभ्रम के लक्षण या कुछ मरीजों में बेहोशी के लक्षण भी सामने आ सकते हैं। अध्ययन के मुताबिक खासतौर पर बुजुर्ग मरीजों में तेज बुखार के साथ मतिभ्रम की स्थिति उत्पन्न हो तो इसे कोविड-19 का शुरुआती लक्षण समझा जाना चाहिए। स्पेन स्थित ओबर्टा डी कैटोलनया विश्वविद्यालय के जेवियर कोर्रिया ने कहा, मतिभ्रम वह अवस्था होती है जब व्यक्ति वास्तविकता से अलग महसूस करता है। फ्रांस के बोर्डो विश्वविद्यालय में यह अध्ययन करने वाले कोर्रिया ने कहा, इस महामारी की स्थिति में हमें इस बारे में सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि व्यक्ति में मतिभ्रम की स्थिति कोरोना वायरस से संक्रमण का लक्षण हो सकता है। कोर्रिया ने सह शोधकर्ता डियागो रेडोलर रिपोल के साथ मिलकर केंद्रीय तंत्रिका तंत्र और दिमाग पर कोविड-19 के पड़ने वाले असर को लेकर किए गए अनुसंधानों की समीक्षा की और उनके आधार पर इस निष्कर्ष पर पहुंचे। अध्ययन में शामिल विशेषज्ञों ने पाया कि ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि कोरोना वायरस केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को भी प्रभावित करता है और तंत्रिका के सामान्य संदेशों में हस्तक्षेप कर सिरदर्द और मतिभ्रम जैसे लक्षण पैदा करता है। अध्ययन के मुताबिक बेहोशी, मतिभ्रम और व्यवहार में बदलाव संभवत: अंगों में होने वाली व्यवस्थागत सूजन से आता है जो दिमाग के हिप्पाकैम्पस इलाके की तंत्रिका तंत्र की कोशिका में भी सूजन लाकर नुकसान पहुंचाता है।