लंदन । वैश्विक महामारी को लेकर परेशान दुनिया में चिकित्सा वैज्ञानिकों ने अपने स्तर पर बचाव के लिए प्रयास जारी रखे है। वैज्ञानिकों ने हल्के लक्षण वाले कोविड-19 के सात अलग-अलग स्वरूपों की पहचान की है और पाया है कि कोरोना वायरस संक्रमण 10 सप्ताह बाद भी रोग प्रतिरोधक प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव छोड़ जाता है। इस खोज से रोगियों के उपचार और प्रभावी टीके के विकास में मदद मिल सकती है। अध्ययन से संबंधित रिपोर्ट पत्रिका ‘एलर्जी’ में प्रकाशित हुई है। इस अध्ययन में कोविड-19 को मात दे चुके 109 लोगों और 98 स्वस्थ व्यक्तियों को शामिल किया गया। इस अनुसंधान में ऑस्ट्रिया स्थित मेडिकल यूनिवर्सिटी ऑफ वियना के वैज्ञानिक भी शामिल थे।
वैज्ञानिकों ने अध्ययन में सात प्रकार के लक्षण समूहों की पहचान की जिनमें बुखार, ठंड लगने, थकान तथा खांसी जैसे ‘फ्लू समान लक्षण’ और नाक की श्लेष्मा झिल्ली में सूजन, छींकने, गला सूखने, नाक बंद होने जैसे ‘सामान्य जुकाम समान लक्षण’ और ‘जोड़ों तथा मांसपेशियों’ में दर्द जैसे लक्षण समूह भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा रोगियों में ‘आंखों और श्लेष्मा झिल्ली में सूजन’ जैसे लक्षण, निमोनिया, सांस में दिक्कत के साथ ‘फेफड़ों में समस्या’, दस्त, मतली और सिर दर्द सहित ‘उदर और आंतों संबंधी समस्या’, तथा ‘सूंघने और स्वाद की शक्ति में कमी आना एवं अन्य समस्याएं’ जैसे लक्षणों की भी पहचान हुई। वैज्ञानिकों ने अध्ययन में यह भी पाया कि कोरोना वायरस संक्रमण 10 सप्ताह बाद भी रोग प्रतिरोधक प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव छोड़ जाता है। उन्होंने कहा कि इस खोज से रोगियों के उपचार और प्रभावी टीके के विकास में मदद मिल सकती है।