नई दिल्ली । देश
में कंपनी से
खरीद के बाद
सीएनजी किट लगवाने
वाले वाहनों में
आग लगने की
बढ़ती घटनाओं से
चिंतित सड़क सुरक्षा
संस्था इंटरनेशनल रोड फेडरेशन
(आईआरएफ) ने केंद्रीय
भूतल परिवहन एवं
राजमार्ग मंत्रालय से सड़कों
पर पहले से
चल रही कारों
में बाद में
सीएनजी किट लगाने
पर डिजिटल निगरानी
प्रणाली सहित कठोर
तकनीकी जरूरतों के नियम
फौरन लागू का
आग्रह किया है।
जिनेवा स्थित फेडरेशन के मानद अध्यक्ष के के कपिला ने कहा,आईआरएफ ने देश में वाहनों के लिए दुर्घटना परीक्षण सहित नवीनतम वैश्विक सुरक्षा नियम लाने में भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के साथ अहम भूमिका निभाई। मंत्रालय ने मानव जीवन की रक्षा के लिए कानूनी एवं नियामक माहौल तैयार करने का काम किया है। उन्होंने कहा,आज सड़कों पर यात्री वाहन और हल्के वाणिज्यिक वाहन सहित 18 लाख से ऊपर हल्के सीएनजी वाहन दौड़ रहे हैं और उनमें से 60-65 प्रतिशत में सीएनजी किट बाद में लगवाई गई है यानी रेट्रोफिट कराई गई है। सीएनजी रेट्रोफिट करने की जो तकनीक इस्तेमाल हो रही है, उसमें गैस टैंक, फ्यूल लाइन, इंजेक्शन सिस्टम और इलेक्ट्रिकल उपकरण ऐसे वाहनों में बाद में लगाए जाते हैं, जो सीएनजी के लिहाज से बनाया ही नहीं गया था। सीएनजी किट बनाने वाले भी ‘‘बिना मंजूरी की और अप्रमाणित'' सीएनजी फ्यूल किट बेच रहे हैं।''