नई दिल्ली । रानी
लक्ष्मी बाई केंद्रीय
कृषि विश्वविद्यालय, झांसी
के कालेज व
प्रशासनिक भवन का
शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने
किया। केंद्रीय कृषि
एवं किसान कल्याण,
ग्रामीण विकास तथा पंचायती
राजमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर
तथा उत्तर प्रदेश
के मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ भी उपस्थित
थे। प्रधानमंत्री ने
कृषि छात्र-छात्राओं
से संवाद करते
हुए उन्हें देश
के कृषि क्षेत्र
की समृद्धता बढ़ाने
के लिए प्रोत्साहित
किया। पीएम मोदी
ने सभी को
बधाई दी और
आशा व्यक्त की
है कि इस
विश्वविद्यालय से स्नातक
करने के बाद
छात्र देश के
कृषि क्षेत्र को
सशक्त बनाने में
सक्रिय योगदान देंगे। उन्होंने
आशा व्यक्त की
कि नई इमारत
के कारण प्रदान
की गई नई
सुविधाएं छात्रों को और
अधिक मेहनत करने
के लिए प्रोत्साहित
और प्रेरित करेंगी।
उन्होंने रानी
लक्ष्मीबाई को उद्धृत
करते हुए कहा,
"मैं अपनी झाँसी
नहीं दूंगी", प्रधानमंत्री
ने झाँसी और
बुंदेलखंड के लोगों
से आग्रह किया
कि वे आत्मनिर्भर
भारत अभियान को
सफल बनाएं। पीएम
ने कहा कि
आत्मनिर्भर भारत अभियान
में योगदान देने
के लिए कृषि
की प्रमुख भूमिका
है। उन्होंने कहा
कि किसानों को
उत्पादक और उद्यमी
दोनों के रूप
में कृषि लक्ष्य
में आत्मनिर्भरता हासिल
करनी चाहिए। इस
भावना के अनुरूप,
कई ऐतिहासिक कृषि
सुधार किए गए।
अन्य उद्योगों की
तरह, अब किसान
भी अपनी उपज
देश में कहीं
भी बेच सकते
हैं, जहां कहीं
भी उन्हें
बेहतर मूल्य मिलता
हो। क्लस्टर आधारित
दृष्टिकोण में बेहतर
सुविधाएं प्रदान करने और
उद्योगों को बढ़ावा
देने के लिए
1 लाख करोड़ रुपये
का एक विशेष
समर्पित कोष स्थापित
किया है।
पीएम ने कहा कि अनुसंधान संस्थानों और कृषि विश्वविद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि 6 वर्ष पहले देश में सिर्फ एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय था जिसकी तुलना में अब 3 केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय हैं। इसके अलावा, तीन और राष्ट्रीय संस्थानों जैसे आईएआरआई झारखंड, आईएआरआई असम और बिहार के मोतिहारी में महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट फॉर इंटीग्रेटेड फार्मिंग की भी स्थापना की जा रही है। उन्होंने कहा कि ये संस्थान न केवल छात्रों को नए अवसर प्रदान करेंगे, बल्कि स्थानीय किसानों को प्रौद्योगिकी लाभ का प्रदान करने और उनकी क्षमता बढ़ाने में भी मदद करेंगे।