भोपाल। मध्यप्रदेश शासन ने इस बार सरकारी स्कूलों के बच्चों को राशि के बदले गणवेश देने की तैयारी की है। प्रदेश के स्कूल सितंबर से खुलने की संभावना है। इससे पहले बच्चों को गणवेश मिल जाएगा। राज्य शिक्षा केंद्र ने सभी जिला कलेक्टर्स और जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर कहा है कि बच्चों के लिए गणवेश जल्द तैयार करवाए जाएं। यूनिफॉर्म सिलने की जिम्मेदारी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के तहत संचालित स्व सहायता समूहों को दी गई है। इन समूहों को स्कूल खुलने से पहले गणवेश तैयार करना है। प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों के पहली से आठवीं कक्षा के 70 लाख बच्चों के लिए गणवेश तैयार किया जाएगा। बच्चों के लिए 600 रुपये में दो जोड़ी यूनिफॉर्म स्टैंडर्ड साइज के हिसाब से बनेगी है। पिछले कई सालों से विद्यार्थियों को गणवेश खरीदने के लिए राशि दी जाती थी। 2018 में शासन ने राशि के बदले गणवेश देने का फैसला लिया। फिर 2019 में गणवेश वितरण में साइज को लेकर अनियमितता के कारण राशि प्रदान की गई। राज्य शिक्षा केंद्र के अधिकारियों का कहना है कि 15 अगस्त से पहले बच्चों को गणवेश मिल जाएंगी। यमरी व मिडिल के लिए अलग-अलग डिजाइन प्रायमरी व मिडिल के बच्चों के लिए यूनिफॉर्म की डिजाइन एवं रंग अलग-अलग होगा। प्रायमरी स्कूल की छात्राओं को ट्यूनिक, शर्ट एवं लैगी एवं छात्रों को हॉफ शर्ट व पैंट दी जाएगी। वहीं, मिडिल की छात्राओं को सलवार-कमीज एवं हाफ जैकेट और छात्रों को फुल पैंट एवं शर्ट दी जाएगी। ले के 84 हजार बच्चों के लिए गणवेश तैयार जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना ने बताया कि भोपाल जिले में 84 हजार बच्चों के लिए गणवेश तैयार करने का ऑर्डर दिया गया है। इसमें 44 हजार अजीविका मिशन को और 40 हजार नगर निगम के स्व सहायता समूहों को ऑर्डर दिया गया है। उन्होंने बताया कि जुलाई में गणवेश तैयार कर लिए जाएंगे। अगस्त से बच्चों को वितरित कर दिए जाएंगे। इस बारे में राज्य शिक्षा केंद्र के आयुक्त लोकेश कुमार जाटव का कहना है कि सभी जिले के स्व सहायता समूहों को गणवेश तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। स्कूल खुलने तक सभी बच्चों को गणवेश मिल जाएंगे।
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