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पॉलिसीहोल्डर्स को नहीं है खबर... LIC के पास पड़े हैं 880 करोड़ रुपये, कैसे करें क्लेम

Updated on 18-12-2024 03:12 PM
नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (LIC) का कहना है कि साल 2023-24 में उसके पास 880.93 करोड़ रुपये की अनक्लेम्ड मैच्योरिटी रकम पड़ी हुई है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में बताया कि साल 2024 में 3,72,282 पॉलिसीधारकों ने मैच्योरिटी पूरी होने के बाद भी अपनी रकम नहीं ली। ऐसे में सवाल उठता है कि अनक्लेम्ड रकम के बारे में पता लगाने के लिए क्या करने की जरूरत है?
  1. कौन से दस्तावेज जरूरी?
    -LIC पॉलिसी नंबर, पॉलिसीधारक का नाम, जन्मतिथि और पैन कार्ड
  2. LIC की वेबसाइट पर कैसे पता करें?
    अगर किसी LIC पॉलिसीधारक या लाभार्थी को पता करना है कि उसकी LIC पॉलिसी के तहत कोई राशि अनक्लेम्ड तो नहीं पड़ी है, तो वह ये जानकारी डालकर पता लगा सकता है:स्टेप 1: LIC वेबसाइट पर जाएं - https://licindia.in/homeस्टेप 2: कस्टमर सर्विस पर क्लिक करें और 'अनक्लेम्ड अमाउंट ऑफ पॉलिसी होल्डर्स' चुनें।स्टेप 3: पॉलिसी नंबर, नाम (अनिवार्य), जन्मतिथि (अनिवार्य) और पैन कार्ड की जानकारी डालें।स्टेप 4: जानकारी पाने के लिए 'समिट' पर क्लिक करें।
  3. क्या उठाए गए हैं कदम?
    LIC ने अनक्लेम्ड और बकाया क्लेम कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें प्रिंट मीडिया और डिजिटल मीडिया के विज्ञापन के अलावा, पॉलिसीधारकों को उनकी बकाया राशि का दावा करने के लिए रेडियो जिंगल्स भी शामिल हैं। मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि दावा निपटाने की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। दावा पूरा करने के लिए केवल वैध NEFT की जरूरत है।
  4. रकम का क्या होता है?
    अगर किसी रकम के लिए 10 साल से ज्यादा समय तक कोई दावेदार नहीं आता है तो पूरी रकम सीनियर सिटिजन वेलफेयर फंड में चली जाती है। नियमों के मुताबिक इस पैसे का इस्तेमाल बुज़ुर्गों की भलाई के लिए किया जाता है।
  5. क्यों बढ़ रहे हैं मामले?
    15 फरवरी, 2024 के IRDAI के सर्कुलर के मुताबिक, 'इंश्योरेंस कंपनियों से बातचीत के आधार पर यह समझ में आया है कि अनक्लेम्ड रकम बढ़ने की एक वजह ये है कि कई ऐसे मामले हैं जहां ग्राहकों का पता लगाया जा सकता है। लेकिन कई कारणों से इंश्योरेंस कंपनियां दावा नहीं चुका पा रही हैं।
  6. क्या है कारण?
    -किसी बीमा पॉलिसी के तहत मुकदमेबाजी के कारण-विरोधी दावों के कारण-किसी सरकारी एजेंसी द्वारा बीमा पॉलिसियों को फ्रीज/ब्लॉक करने के कारण-उपभोक्ताओं ने पेंशन और बीमा उत्पादों पर दावा नहीं किया है-उपभोक्ता देश से बाहर हैं और इसलिए समय लग रहा है।
  7. क्या है IRDAI के सर्कुलर में?
    IRDAI के सर्कुलर के मुताबिक, हर इंश्योरेंस कंपनी को अपनी वेबसाइट पर 1000 रुपये या उससे ज्यादा की किसी भी अनक्लेम्ड रकम की जानकारी जरूर दिखानी होगी। यह जानकारी 10 साल पूरे होने के बाद भी दिखानी होगी।

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