न्यूर्याक। आने वाले 22 अक्टूबर को दुनिया की बड़ी-बड़ी फार्मा कंपनियां अपनी कोरोना वैक्सीन का सेफ्टी डेटा जारी करेंगी। तब जाकर पता चलेगा कि इन नामी कंपनियों में किस की वैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ इम्युनिटी देने में कितनी असरदार है। गुरुवार को अमेरिका की मॉडर्ना और फाइजर के साथ-साथ ऑक्सफर्ड-अस्त्राजेनेका की वैक्सीन का डेटा भी आ सकता है। इनमें से भारत के लिए ऑक्सफर्ड-अस्त्राजेनेका के नतीजे ज्यादा अहम हैं क्योंकि इसका ट्रायल यहां भी हो रहा है।आईसीएमआर की निगरानी में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया अलग-अलग लोकेशंस पर 'कोविशील्ड' वैक्सीन का ट्रायल कर रही है। सीरम इंस्टिट्यूट ने हाल ही में भारत बायोटेक से उनकी वैक्सीन के टेस्ट और डिलिवरी की डील की है। कंपनी इसके अलावा नोवावैक्स और ऑक्सफर्ड-अस्त्राजेनेका से भी समझौता कर चुकी है। भारत बायोटेक साथ हुई डील उनकी नेजल वैक्सीन (नाक के जरिए दी जाने वाली वैक्सीन) के लिए है। दोनों मिलकर इसका फेज 3 ट्रायल करने वाले है। दूसरी तरफ, भारत बायोटेक ने अमेरिका की कंपनी से समझौता किया है ताकि वैक्सीन का अमेरिका में भी ट्रायल हो सके। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगले साल की दूसरी तिमाही तक यह वैक्सीन आने की उम्मीद है।
ऑक्सफर्ड-अस्त्राजेनेका की वैक्सीन पर दुनियाभर की नजरें टिकी हैं। बहुत सारे देशों ने उसकी डोज रिजर्व कराने में दिलचस्पपी दिखाई है। सीरम इंस्टिट्यूट के चेयरपर्सन डॉ सुरेश जाधव के मुताबिक, इस वैक्सीन की शुरुआती डोज दिसंबर तक आ सकती हैं। अगर टाइम पर अप्रूवल मिल जाता है,तब मार्च तक भारत में प्राथमिकता के आधार पर टीके लगाने की तैयारी है। वहीं, अमेरिका की मॉडर्ना अपनी वैक्सीन का फेज 3 ट्रायल कर रहा है। अमेरिकन कंपनी फाइजर ने जर्मन की बायोएनटेक के साथ मिलकर वैक्सीन तैयार की है। कंपनी की कोशिश है कि नवंबर तक इमर्जेंसी यूज के लिए वैक्सीन अप्रूव हो जाए। कंपनी 22 अक्टूबर को 44,00 लोगों पर हुए ट्रायल का सेफ्टी डेटा जारी करेगी। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि वैक्सीन कब उपलब्ध होगी। कंपनी की प्राइसिंग पॉलिसी के चलते यह वैक्सीन खासी महंगी होगी। जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन का ट्रायल पिछले हफ्ते रोक दिया गया था क्योंकि कुछ वॉलंटियर्स में रहस्यमयी 'बीमारी' देखने को मिली थी।