वांशिगटन । अमेरिका की जॉब वाली नागरिकता के लिए चाहत रखने वाले लोगों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है अमेरिकी जॉब वाले ग्रीन कार्ड की कतार में खड़े भारतीयों की संख्या काफी बढ़ी है। अमेरिकी सरकार के प्रवासी एवं नागरिकता सेवा के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। अगर अमेरिका की जॉब वाली नागरिकता के आवेदन की बात करें तो साल 2020 में यह बढ़कर 12 लाख को पार कर गई है। यह अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर है। ग्रीन कार्ड के आवेदन के मामले में भारतीयों की संख्या कुल आवेदन का 68फीसदी है। अमेरिका की थिंक टैंक कैटो इंस्टिट्यूट के एक अध्ययन के अनुसार भारतीय नियोक्ता के स्पांसरशिप वाले आवेदन की संख्या भी 8 दशक के उच्च स्तर पर पहुंच गई है। इस आवेदन में दो लाख से अधिक आवेदक ऐसे हैं जिन्हें ग्रीन कार्ड मिलने के बाद भी वे इसका उपयोग नहीं कर पाएंगे। अगर अमेरिका में ग्रीन कार्ड आवेदन की बात करें तो इसमें चीन के आवेदकों की हिस्सेदारी 14 फीसदी और बाकी दुनिया के लोगों की हिस्सेदारी 18 फीसदी है।
अमेरिका में जॉब आधारित ग्रीन कार्ड या स्थाई रोजगार प्रोग्राम वास्तव में बड़ी कंपनियों द्वारा उपयोग में लाया जाता है। इसमें उच्च कुशलता वाले कर्मियों को अमेरिका में स्थाई नागरिकता के लिए स्पॉन्सर किया जाता है। इस समय अमेरिका ने स्थाई नागरिकता वाले ग्रीन कार्ड की सीमा 7 फीसदी पर फिक्स कर दी है। इस हिसाब से हर साल जॉब वाले ग्रीन कार्ड सिर्फ 1,40,000 लोगों को ही दिए जाते हैं। इस स्टडी में कहा गया है कि प्रवासी लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की अमेरिकी सरकार की नीति में बड़ा बदलाव आया है और ग्रीन कार्ड की सीमा तय किए जाने की वजह से बैकलॉग बढ़ गया है। इसके साथ ही ग्रीन कार्ड के लिए दिए जाने वाले आवेदन के प्रोसेसिंग में देरी से इसका कोई संबंध नहीं है। अमेरिका ने वित्त वर्ष 2021 में ग्रीन कार्ड की संख्या बढ़ाने का फैसला किया था। इसकी वजह यह थी कि 1,21,000 ग्रीन कार्ड का उपयोग नहीं किया गया और इसमें फैमिली कोटा भी जोड़ दिया गया था।