पेशावर । पाकिस्तान में जबरन धर्मपरिवर्तन कर निकाह को मजबूर करने के मामले में सिंध हाईकोर्ट ने 13 साल की नाबालिग ईसाई लड़की को शेल्टर होम भेजने का आदेश दिया है। यह जानकारी पाकिस्तान के मानवाधिकार मामलों की मंत्री शिरीन माजारी ने दी है। उल्लेखनीय है कि कराची में 13 साल की ईसाई लड़की को कथित तौर पर 44 साल के अली अजहर ने किडनैप कर उससे निकाह कर लिया था।
मामला सामने आने पर मानवाधिकार संगठन भड़क गए और उन्होंने लड़की के लिए इंसाफ मांगा था। शिरीन माजारी ने ट्वीट किया, जज ने आदेश दिया है कि किशोरी को पुलिस और संबंधित एजेंसियों से लेकर आश्रय स्थल में शिफ्ट किया जाए। मामले की अगली सुनवाई गुरुवार 5 नवंबर को होगी। उधर, मामले के जांच अधिकारी इंस्पेक्टर अहमद सिद्दीकी ने बताया कि किशोरी को कोर्ट के समक्ष पेश कया गया था।
एफआईआर में किशोरी के पिता ने आरोप लगाया था कि 13 अक्टूबर को वह और उसकी पत्नी काम पर गए हुए थे तथा बेटा स्कूल गया था। उस समय रेलवे कॉलोनी स्थित उसके घर पर किशोरी सहित उसकी तीन बेटियां थीं। उसके एक रिश्तेदार का फोन आया और उसने बताया कि किशोरी घर से लापता है। पिता के अनुसार वे फौरन घर पहुंचे और पड़ोसियों से बेटी के बारे में पूछा, लेकिन उसका कोई पता नहीं चल पाया। बाद में उसने पुलिस स्टेशन में अज्ञात लोगों के खिलाफ बेटी के अपहरण की शिकायत दर्ज कराई थी।
किशोरी के परिजनों ने बताया कि आरोपी अजहर उनके घर के पास ही अपने परिवार के साथ रहता है और उसकी आयु 44 वर्ष है। लड़की की मां के अनुसार आरोपी अजहर ने फर्जी कागजात तैयार करा बेटी की उम्र 18 साल दिखा कर जबरन उससे निकाह कर लिया है। पुलिस ने मामले में सैयद अली अजहर, उसके भाई सैयद शारिक अली, सैयद मोहसिन अली, और एक दोस्त दानिश के खिलाफ किशोरी के अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन कराने का केस दर्ज किया है।