इस्लामाबाद । पाकिस्तान में सेना और इमरान खान सरकार के खिलाफ जंग छेड़ चुके 11 विपक्षी पार्टियों के संयुक्त दल पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) ने सरकार की नींव हिलाकर रख दी है। अपनी कुर्सी बचाने में जुटे इमरान खान अब सेना और आईएसआई का सहारा ले रहे हैं। उधर संयुक्त विपक्ष ने भी 22 नवंबर को पेशावर में अपनी अगली सरकार विरोधी रैली को करने का ऐलान कर दिया है। विपक्ष की पहले की दो रैलियों में उमड़ी भीड़ से सहमी पाकिस्तान सरकार अब रैलियों पर आतंकवादी हमले का डर दिखा रही है।
पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा सरकार के प्रांत के श्रम एवं संस्कृति मंत्री शौकत यूसुफजई ने विपक्षी दलों के एक गठबंधन से पेशावर में अपनी आगामी रैली आतंकवादी हमले की आशंका के चलते स्थगित करने का आग्रह किया है। पीडीएम के नेताओं ने श्रम मंत्री के अनुरोध को नजरअंदाज किया और इस पर कोई टिप्पणी नहीं की।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना था कि यूसुफज़ई का कद वैसा नहीं है कि वह विपक्षी नेताओं से रैली को स्थगित करने के लिए कहें। पाकिस्तान की 11 विपक्षी पार्टियों ने इमरान सरकार को सत्ता से हटाने के लिए पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) नाम से एक संयुक्त गठबंधन बनाया है।
इस गठबंधन ने इमरान खान सरकार को हटाने के लिए एक कार्य योजना के तहत तीन चरणों वाला एक सरकार विरोधी आंदोलन शुरू किया है। पीडीएम ने इससे पहले गुजरांवाला, कराची और क्वेटा में रैलियां की थीं। अब उनकी योजना 22 नवंबर को पेशावर में अपना अगला प्रदर्शन करने की है। विपक्षी गठबंधन ने आरोप लगाया है कि सेना ने दो साल पहले चुनाव में धांधली करके खान को सत्ता में बैठाया था।
वहीं, इमरान खान ने इस बात से भी इंकार किया कि सेना ने उन्हें चुनाव जीतने में मदद की। उन्होंने विपक्षी पार्टियों पर सेना और आईएस पर हमला करने को लेकर पलटवार भी किया है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और इस समय लंदन में भगोड़े की जिंदगी जी रहे नवाज शरीफ अपने भाषणों में कई बार पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद पर खुलकर निशाना साधते रहे हैं। नवाज ने अपनी सरकार को गिराने के लिए इन दोनों पर साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा था कि 2018 के चुनाव में मुझे सत्ता से बेदखल कर सेना ने इमरान को प्रधानमंत्री बनाया था।