भोपाल । मास्टर प्लान
2031 के मसौदे पर अब तक सुनी गई आपत्तियों पर नजर डालें तो सामने आता है कि इसमें कई
गलतियां हैं। जियोग्राफिकल इंफोर्मेशन सिस्टम (जीआईएस) से प्लानिंग एरिया का नशा तैयार
किया गया पर मौके पर जाकर जमीनों और वहां की वास्तविक स्थिति का सत्यापन नहीं किया
गया। यही वजह है कि प्रस्तावित लैंड यूज और सड़कों की जद में हजारों मकान आ रहे हैं।
टीएंडसीपी के अफसरों को इस तरह की त्रुटियां मानना भी पड़ रही है। अब देखना यह है कि
सुनवाई कर जनप्रतिनिधियों व अन्य सदस्यों की समिति ऐसे विवादापस्द या उलझे हुए मामलों
में या तय करती है। मोटे तौर पर यह भी सामने आया है कि मास्टर प्लान 2005 के कई प्रावधानों
को यथावत रख दिया गया। स्पॉट पर जाकर नहीं देखा गया कि 25 साल पहले प्रस्तावित की गई
सड़क के लिए वहां जगह बची भी है या नहीं। विकास एजेंसियों की लापरवाही के कारण रोड
के एलाइनमेंट में ही हजारों मकान बन गए हैं। सड़कों के साथ ही लैंड यूज के ऐसे ही कई
मामलों को लेकर लोगों ने आपत्तियां दर्ज कराई हैं।
प्लान बनाया किसी ने जवाब दे रहे दूसरे अफसर
मास्टर प्लान ड्राफ्ट बनाने की प्रक्रिया में एक अहम खामी भी सामने आई है। मौजूदा ड्राफ्ट टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की तत्कालीन संयुक्त संचालक सुनीता सिंह ने बनाया। फिर मार्च में मसौदा जारी कर दावे- आपत्ति की प्रक्रिया शुरू की गई। इस बीच उनका तबादला हो गया। अब इन दावे-आपत्तियों पर सुनवाई मौजूदा संयुक्त संचालक संजय मिश्रा कर रहे हैं। वो ही जवाब दे रहे हैं।
15 तक मांगा टीएंडसीपी से जवाब
भोपाल सिटीजन फोरम ने ड्राट को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। रिट याचिका लगाई है। इस पर कोर्ट ने टीएंडसीपी व अन्य को नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान टीएंडसीपी को 15 सितंबर तक जवाब पेश करने के लिए कहा है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई सफल, समय-पैसा और संक्रमण से बचे
पहली बार मास्टर प्लान मसौदे के दावे- आपत्तियों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से की जा रही है। संयुक्त संचालक संजय मिश्रा की यह व्यवस्था सफल रही। स्क्रीन पर ही संबंधित आपत्ति से जुड़ा नशा दिखाया गया। ऐसे में घर बैठे या अपनी सहूलियत से आपािकर्ताओं ने बात रखी। उनका समय और पैसा बचा। टीएंडसीपी दफ्तर जाने के लिए बाहर भी नहीं निकलना पड़ा। इस तरह कोरोना संक्रमण की आशंका से भी बचे रहे। पहले चरण में दो दिन चली सुनवाई में अधिकांश लोगों ने इस व्यवस्था को सराहा।