बैतूल । केंद्र सरकार द्वारा कृषि अधिनियम में जो नया कृषि से संबंधित अध्यादेश जारी किया गया है। उसके विरोध में समस्त व्यापारी आज कृषि मंडी में खरीदी कार्य नहीं करेंगे। अनाज तिलहन संघ के सह सचिव प्रमोद अग्रवाल ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा पारित अध्यादेश में उल्लेख किया गया है कि मंडी प्रांगण के अंदर माल खरीदने पर 1.70 पैसे मंडी शुल्क लगेगा एवं मंडी प्रांगण के बाहर माल खरीदने पर टैक्स नहीं लगेगा। श्री अग्रवाल ने कहा यह निर्णय समझ से परे है, क्योंकि यदि किसान मंडी प्रांगण के अंदर अपना माल विक्रय करता है तो उस पर टैक्स लगेगा, सरकार कहती है कि मंडियों का अस्तित्व यथावत रहेगा। श्री अग्रवाल ने सरकार की इस नीति पर सवाल खड़े हुए करते हुए कहा कि ऐसे किसान विरोधी अध्यादेश से मंडियों का अस्तित्व कैसे यथावत रह सकता है केंद्र सरकार स्पष्ट करें।
उन्होंने कहा मंडी में बेचे गए माल पर टैक्स लगने की स्थिति में व्यापारी कैसे व्यापार करेगा एवं किसान को प्रतिस्पर्धा के रेट मंडी प्रांगण के बाहर कैसे प्राप्त होंगे, यह बहुत ही सोचनीय प्रश्न है। श्री अग्रवाल ने कहा सरकार किसानों के हितों की बात कर रही है लेकिन सरकार की मंशा इस देश के कुछ चुने हुए लोगों के हाथों में कृषि को देने की है जिसका सभी व्यापारी विरोध करते हैं। उन्होंने बताया सभी व्यापारियों ने इस किसान विरोधी अध्यादेश के विरोध में अनाज तिलहन व्यापारी संघ के अध्यक्ष विनोद डागा की अनुमति से आज शुक्रवार से मंडी में खरीदी कार्य नहीं करने का निर्णय लिया है।
सरकार किसानों की रक्षक है या भक्षक
प्रमोद अग्रवाल ने कहा कि केंद्र सरकार की दोहरी नीति से पूरा व्यवसाय प्रभावित होगा। किसानों को मंडी प्रांगण के अंदर प्रतिस्पर्धा के माध्यम से उचित भाव मिलता था, लेकिन अब प्रांगण के बाहर किसान बड़े व्यापारी और बड़ी कंपनी पर निर्भर हो जाएंगे जिससे उन्हें उपज का उचित दाम नहीं मिल पाएगा। श्री अग्रवाल ने केंद्र सरकार की नीति पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार किसानों की रक्षक है या भक्षक, सरकार अपनी नीति स्पष्ट करें। आगे उन्होंने कहा सरकार की मंडी है और वहां किसानों की उपज प्रतिस्पर्धा के रूप में बिकती है, आप किसानों को लूटने की बात कर रहे हैं और कहते हैं कि इसमें किसानों को फायदा होगा। उन्होंने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार निजीकरण कर देश को बेचने की ओर जा ले जा रही हैं।