वॉशिंगटन । डोनाल्ड ट्रम्प की चुनावी हार पर अब अमेरिकी अदालतें भी मुहर लगाने लगी हैं। पेन्सिलवेनिया और जॉर्जिया की अदालतों के फैसलों ने साफ कर दिया है कि ट्रम्प खेमे की तरफ से लगाए जा रहे चुनावी धांधली के आरोपों में दम नहीं है। पेन्सिलवेनिया की एक अदालत ने साफ कर दिया कि मेल इन बैलट्स रद्द नहीं किए जाएंगे। जॉर्जिया में कोर्ट ने उस अपील को ठुकरा दिया जिसमें दूसरी बार री-काउंट की अपील की गई थी। पेन्सिलवेनिया की अदालत ने कहा- ट्रम्प कैम्पेन ने सिर्फ आरोप लगाए हैं। इनके समर्थन में कोई ठोस सबूत नहीं दिए। लिहाजा, उनकी अपील पर विचार करने का कोई आधार नहीं है। चुनाव प्रक्रिया सही है। पेन्सिलवेनिया में मेल इन बैलट्स को रद्द करने की मांग पर फेडरल कोर्ट के जज मैथ्यू ब्रान ने कहा- यह अदालत संविधानिक नियमों को नहीं तोड़ सकती। हम हजारों बैलट्स को कैसे रद्द कर सकते हैं। डेमोक्रेट पार्टी के कैंडिडेट और प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन को इस राज्य में 81 हजार वोटों से जीत मिली है। ट्रम्प का खेमा आरोप लगा रहा है कि मेल इन बैलट्स में धांधली हुई है। जॉर्जिया में एक बार री-काउंट हो चुका है। इसके नतीजों से साफ हो गया कि इस राज्य में बाइडेन को ही जीत मिली और वोट काउंटिंग बिल्कुल सही तरीके से हुई थी। ट्रम्प कैम्पेन फिर रि-काउंट की मांग कर रहा है। कोर्ट और चुनाव आयोग इसे खारिज कर चुके हैं।
बहुत आगे निकल गए हैं बाइडेन
ट्रम्प और उनका खेमा कानूनी पैंतरों के जरिए अब सिर्फ खीज निकाल रहे हैं। क्योंकि, इसमें अब कोई शक नहीं रह गया है कि ट्रम्प चुनाव हार चुके हैं और बाइडेन 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, बाइडेन को ट्रम्प से 6 लाख पॉपुलर वोट्स ज्यादा मिले हैं।