मैगी लवर को नए साल में मिल सकता है झटका, कंपनी लेगी यह बड़ा फैसला! जानें क्या है पूरा मामला
Updated on
17-12-2024 04:27 PM
नई दिल्ली: मैगी...एक ऐसी चीज जो लगभग हर घर में खाई जाती है। क्या बच्चा क्या बड़े, क्या बूढ़े। सभी इसका लुत्फ उठाते हैं। हल्की सी भूख लगने पर खाने के लिए मैगी बाजार में आसानी से मिल जाती है। तैयार भी जल्दी जाती है। अगर आप मैगी खाने के शौकीन हैं तो एक खबर आपको कुछ परेशानी में डाल सकती है। मैगी बनाने वाली कंपनी नेस्ले जल्द ही एक बड़ा निर्णय ले सकती है। यह निर्णय एक जनवरी से लागू हो सकता है। इसका असर मैगी खाने वाले हर शख्स पर पड़ेगा।
दरअसल, मैगी की कीमत बढ़ सकती है। कंपनी जल्द ही इस पर कोई निर्णय लेगी। माना जा रहा है कि बढ़ी हुई कीमत एक जनवरी से लागू हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो मैगी लवर के लिए कंपनी का यह निर्णय निराशाजनक हो सकता है। कंपनी कितने रुपये बढ़ाने का निर्णय लेगी, अभी इस पर कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
आखिर क्यों बढ़ेगी कीमत?
यह मामला स्विट्जरलैंड की ओर से भारत का फेवरेट दर्जा छीने जाने के बाद पैदा हुआ है। दरअसल, स्विट्जरलैंड ने नेस्ले के खिलाफ अदालती फैसले के बाद भारत का सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र (एमएफएन) का दर्जा निलंबित कर दिया है। इससे स्विट्जरलैंड में काम करने वाली भारतीय कंपनियों पर टैक्स का बोझ बढ़ेगा। एक जनवरी 2025 से उन्हें ज्यादा टैक्स देना होगा।
यह फैसला भारत और स्विट्जरलैंड के बीच हुए दोहरे कराधान समझौते (डीटीएए) के एमएफएन प्रावधान को निलंबित करता है। इस दर्जे के तहत देश एक-दूसरे को व्यापार में विशेष छूट देते हैं। इस दर्जे के रद्द होने से भारतीय कंपनियों को स्विट्जरलैंड में अब ज्यादा टैक्स चुकाना होगा।
भारत में स्विस कंपनियों पर भी पड़ेगा असर
एमएफएन का दर्जा रद्द होने से स्विट्जरलैंड की कंपनियों को भी भारत में ज्यादा टैक्स देना होगा। मैगी की पेरेंट कंपनी नेस्ले स्विट्जरलैंड की है। जब नेस्ले ज्यादा टैक्स देगी तो इसका अगर मैगी पर भी पड़ेगा। नतीजन कंपनी को मैगी की कीमत बढ़ानी पड़ सकती है।
दूसरे प्रोडक्ट भी हो सकते हैं महंगे
बात सिर्फ मैगी पर ही खत्म नहीं होगी। भारत में बिकने वाले नेस्ले के दूसरे प्रोडक्ट भी महंगे हो सकते हैं। इसमें नेस्ले के डेयरी प्रोडक्ट, किट कैट चॉकलेट, आइसक्रीम, बेबी फूड आदि शामिल हैं। इन प्रोडक्ट की भी कीमत बढ़ सकती है।
कितनी बढ़ेगी कीमत?
एमएफएन का दर्जा खत्म होने के बाद स्विट्जरलैंड की कंपनियों को भारत में 10 फीसदी तक का डिविडेंड टैक्स देना होगा। अभी तक यह टैक्स दर 5 फीसदी थी। टैक्स की इस रकम को चुकाने के लिए कंपनियों को अपना प्रॉफिट कम करना पड़ सकता है। साथ ही वे मैगी समेत दूसरे प्रोडक्ट की कीमत बढ़ा सकती हैं। हालांकि कीमत कितनी बढ़ेगी, इसके बारे में अभी कोई फैसला नहीं हुआ है।
नई दिल्ली: एयरपोर्ट पर पानी, चाय और कॉफी के लिए यात्रियों को बहुत ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती लेकिन अब इससे उन्हें निजात मिल सकती है। सरकार ने एयरपोर्ट्स पर महंगे फूड…
नई दिल्ली: बॉलीवुड हस्तियों के निवेश वाली रियल्टी कंपनी श्री लोटस डेवलपर्स एंड रियल एस्टेट 1000 करोड़ रुपये का आईपीओ लाने की योजना बना रही है। मुंबई की इस कंपनी में…
नई दिल्ली: राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के मौके पर मंगलवार को कंस्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री जागो ग्राहक जागो ऐप, जागृति ऐप और जागृति डैशबोर्ड की शुरुआत करेगी। इसका मकसद उपभोक्ताओं को डार्क पैटर्न…
नई दिल्ली: इंडिया सीमेंट्स का शेयर आज बाजार खुलते ही रॉकेट बन गया। बीएसई पर यह 11% तेजी के साथ 376.30 रुपये पर पहुंच गया। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने इंडिया…
नई दिल्ली: अमेरिका में फिर से राष्ट्रपति बनने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप ने मजाक-मजाक में कनाडा को अपने देश का 51वां प्रांत बनाने की बात कही थी। लेकिन सच्चाई यह है…
नई दिल्ली: दिल्ली में पले-बढ़े डॉ. मानव आहूजा अब इंटरनेशनल बिजनेस गुरु कहलाते हैं। दुबई में नौकरी छोड़कर खुद का बिजनेस शुरू करने के बाद उन्होंने कोच और मोटिवेशनल स्पीकर के…
नई दिल्ली: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार दूसरे सप्ताह घटा है। पिछले ढाई महीने में 29 नवंबर को समाप्त सप्ताह को छोड़ दें तो विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट…
नई दिल्ली: संसदीय समिति ने अपनी ताजा रिपोर्ट में मालगाड़ियों की धीमी रफ्तार पर चिंता जताई है। पिछले 11 सालों में मालगाड़ियों की औसत रफ्तार सिर्फ 25 किलोमीटर प्रति घंटा रही…
न्यू दिल्ली: खाद्य सुरक्षा नियामक FSSAI ने लाइसेंस प्राप्त खाद्य निर्माता और आयातकों को आदेश दिया है कि वे रिजेक्टेड और एक्सपायर फूड आइटम्स का तिमाही डेटा अपने FOSCOS (ऑनलाइन अनुपालन…