बैतूल । जिले के सैकड़ों बुजुर्गों को वृद्धावस्था पेंशन योजना का लाभ समय पर नहीं मिल रहा है। बुजुर्ग विगत 3 माह से पेंशन राशि के लिए भटक रहे है। इस मामले में पेंशनर शेख बाबा ने बताया कि विगत 10 जून को उन्हें नगरपालिका कार्यालय से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना अंतर्गत पेंशन स्वीकृति आदेश प्राप्त हुआ था लेकिन आज तक उन्हें वृद्धावस्था पेंशन का भुगतान नहीं हुआ है। जिससे उन्हें अपना गुजर-बसर करने में अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बीमारी से ग्रसित है कई वृद्ध
पेंशन नहीं मिलने से कई परिवारों के घरों में चूल्हा जलना भी दूभर हो गया है। कई वृद्ध बीमार से ग्रसित हैं जिन्हें निरंतर दवाइयों की आवश्यकता होती है। पेंशन प्राप्त करने के लिए पेंशनधारी लगातार चक्कर काट रहे हैं लेकिन समस्या का निदान नहीं हो पा रहा है। गौरतलब है कि शासन एक ओर पेंशन राशि के माध्यम से वृद्घों को सहायता देने के दावे तो कर रहा लेकिन वास्तविक स्थिति कुछ और ही दिख रही है। जिला मुख्यालय में ही वृद्घों को हर माह पेंशन दिए जाने के दावे गलत साबित हो रहे हैं। निराश्रित व वृद्घापेंशन के लिए वृद्घ वर्ग भटक रहे हैं।
पेंशन की मांग को लेकर सैकड़ों वृद्ध त्रस्त
वृद्घ अपनी समस्याओं से अधिकारियों को अवगत करा रहे हैं लेकिन उनकी समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा है। सैकड़ों वृद्घ पेंशन राशि की मांग को लेकर त्रस्त हैं। वृद्धावस्था पेंशन के हितग्राही शेख बाबा ने बताया कि शासकीय वृद्घावस्था योजना के तहत पेंशन दिए जाने का प्रावधान है लेकिन इसका लाभ नहीं मिल रहा है। वृद्घावस्था पेंशन योजना के तहत बुजुर्गो को हर माह 600 रुपए दिया जाना है ताकि जीविकोपार्जन करने में कोई परेशानी ना हो लेकिन प्रशासकीय लेटलतीफी की वजह से समय पर बुजुर्गो को पेंशन राशि का भुगतान नहीं हो रहा है। प्रशासन भी सार्थक पहल नहीं कर पा रहा है। नतीजतन आज भी बुजुर्ग वर्ग पेंशन राशि के लिए भटक रहे हैं।
पेंशन नहीं मिलने से असंतोष व्याप्त
बुजुर्गों का कहना है उन्होंने उम्मीद से पेंशन के लिए आवेदन जमा किए कि पेंशन की राशि दोगुनी हो गई है तो हमें भी पेंशन मिलेगी और उससें हमारा जीवन सही ढंग से चलाने में मदद मिलेगी, लेकिन उन्हें आज तक पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल सका है जिससें सभी में आक्रोश है। उन्होंने बताया 3 माह से पेंशन उन्हें प्राप्त नहीं हुई है जिसके चलते उन्हें आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारियों से बार-बार पेंशन दिलाने की गुहार लगाते थक गए हैं इसके बाद भी उनकी मांग को कोई तवज्जो नहीं मिल पा रही है।