आईपीएल में चीनी प्रायोजक को हरी झंडी देने पर कैट ने बीसीसीआई को लगाई लताड़
Updated on
04-08-2020 09:24 PM
नई दिल्ली । चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद और तनाव के बीच भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा दुबई में आयोजित किए जा रहे आईपीएल टूर्नामेंट में टाइटल स्पॉन्सर के रूप में चीनी कंपनी वीवो को प्रायोजक बनाए रखने के फैसले की कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने की कड़ी आलोचना की है। कैट गत 10 जून से देश में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार को लेकर एक राष्ट्रीय अभियान चला रहा है जिसको देशभर से जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। बीसीसीआई के इस कदम के खिलाफ कैट ने आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर को एक पत्र भेजकर मांग की है की बीसीसीआई को इस आयोजन के लिए कोई अनुमति न दी जाए।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने शाह और जयशंकर को भेजे पत्र में कहा कि ऐसे समय में जब चीन भारतीय सीमाओं पर आक्रामकता दिखाकर भारतीयों की भावनाओं को भड़का रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में केंद्र सरकार लोकल पर वोकल और आत्मनिर्भर भारत के उनके आह्वान को यथार्थ में बदलने के लिए अनेक कदम उठा रही है, ऐसे में बीसीसीआई का निर्णय सरकार की इस नीति के विपरीत ही नहीं है बल्कि उसका मजाक भी उड़ाता है।
उन्होंने कहा कि कई बड़े खेल आयोजन कोरोना के कारण रद्द कर दिए गए हैं जबकि बीसीसीआई आईपीएल कराने पर आमादा है। भारत में जब यह संभव नहीं हुआ तो उसने इसे दुबई में कराने का फैसला किया है। यह इस बात का प्रतीक है कि बीसीसीआई पैसों का भूखा है। उन्होंने सवाल किया कि क्या बीसीसीआई सरकार से भी ऊपर है जो सीधे तौर पर सरकार के कोरोना से संबंधित नियमों को धता बता रहा है। भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि अतीत में केंद्र सरकार ने देश की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए चीन पर देश की निर्भरता को कम करने के लिए कई सराहनीय कदम उठाए हैं। इनमें 59 चीनी एप पर प्रतिबंध और चीनी कंपनियों की साझेदारी को रेलवे तथा हाइवे परियोजनाओं से हटाना शामिल है। इनसे देश में यह स्पष्ट गया है की पहली बार किसी सरकार ने चीन के प्रभाव को कम करने के लिए साहसिक और दृढ़ कदम उठाए हैं। ऐसे में बीसीसीआई का निर्णय लोगों की सुरक्षा की उपेक्षा करता है और वह भी चीनी कंपनियों के प्रति अनजाने प्रेम को भी दर्शाता है।
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