भोपाल । मध्यप्रदेश में 27 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। जिसको लेकर बीजेपी और कांग्रेस ने मोर्चा संभाला लिया है। दोनों राजनीतिक दल एक दूसरे पर लगातार जुबानी हमले बोल रहे हैं। ग्वालियर-चंबल की 16 सीटों पर उपचुनाव होने हैं जिस कारण भाजपा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया का चुनाव में शिवराज सिंह चौहान के साथ प्रमुख चेहरा बनाया है। वहीं, कांग्रेस लगातार सिंधिया पर हमले कर रही है। इस बीच पूर्व सीएम कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को घेरने के लिए रणनीति तैयार की है।
सिंधिया दलित विरोधी
कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं को कमलनाथ ने संबोधित करते हुए कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को दलित विरोधी नेता के रूप में प्रचारित किया जाए। सिंधिया के संघ पर दौर पर हमला करते हुए कमलनाथ ने कहा- सिंधिया अब भाजपा नेताओं के घर और संघ के पास जा रहा है और ये दोनों ही दलित विरोधी है। ऐसे में सिंधिया की छवि को दलित विरोधी बता कर प्रचारित किया जाए।
निशाने पर सिंधिया क्यों?
मध्यप्रदेश की 27 विधानसभा सीटों में से सबसे अधिक ग्वालियार और चंबल अंचल की 16 सीटें हैं जिनपर ज्योतिरादित्य सिंधिया का वर्चस्व है। 2018 के विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो सिंधिया ने इन क्षेत्रों में ताबड़तोड़ चुनावी सभा और रैलियों की थी। जिस कारण कांग्रेस को ग्वालियर-चंबल अंचल में 34 से 26 सीटों पर जीत मिली थी। लेकिन सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बात अब कांग्रेस ग्वालियर-चंबल में मुश्किलों का सामना कर रही है क्योंकि इस क्षेत्र में कांग्रेस के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं है।
दलित विरोधी छवि क्यों?
जिन 16 सीटों पर उपचुनाव होने हैं उनमें से ज्यादातर सीटों पर दलित वोटर का प्रभाव है। ऐसे में कांग्रेस इस क्षेत्र में ज्योतिरादित्य सिंधिया की छवि को दलित विरोधी बताकर दलित वोटरों को अपने पाले में लाने की कोशिश में जुटी है। 2018 के विधानसभा चुनाव में दलित वर्ग ने कांग्रेस को वोट किया था लेकिन 6 महीने बाद हुए लोकसभा चुनाव में ये दलित वोटर कांग्रेस से फिसल कर भाजपा के पाले में चला गया था। ऐसे में कांग्रेस एक बार फिर से दलित वोटरों को साधने की कोशिश में जुट गई है।
ये भविष्य का चुनाव
पीसीसी कार्यालय में जिला प्रभारियों की बैठक में कमलनाथ ने कहा था कि ये उपचुनाव मध्यप्रदेश के भविष्य का चुनाव है। कमलनाथ ने जिला प्रभारियों को सर्वे रिपोर्ट सौंपते हुए बताया था कि किस बूथ पर पार्टी कमजोर है और किस बूथ पर मजबूत। कमलनाथ ने कहा था कि हमारा मुकाबला भाजपा संगठन से है। भाजपा ने यूपी में बसपा और सपा को घर बैठा दिया है। जबकि हमारे प्रभारियों को ब्लॉक और मंडल की भी जानकारी नहीं है। ऐसे में उपचुनाव के लिए सभी को अपनी तैयारियों पर फोकस करते हुए एकजुट रहना है।
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