टोक्यो । चीन की बढ़ती चौधराहट के विरुद्ध कई देश अब लामबंद होने लगे हैं। ताजा मामला दक्षिण चीन सागर का है जहां ड्रैगन की घुसपैठ का जापानी सेना ने करारा जवाब दिया है। रविवार को सेनकाकू आईलैंड के पास अपनी जापान की सीमा में घुस आए चीन के दो जहाजों को जापान ने तुरंत खदेड़ दिया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के गश्ती तीन जहाज जापान की एक मछली पकड़ने वाली नाव का पीछा कर रहे थे। इनमें से दो जापान की समुद्री सीमा में घुस आए। ये जहाज सुबह से शाम तक जापान के समुद्री इलाके में रहे, जिसके बाद जापान कोस्ट गार्ड ने उन्हें वापस लौटने को कहा।
28 अगस्त के बाद यह पहला मौका था जब चीन के जहाज जापान की सीमा में घुसे थे। इस साल अब तक 18 बार चीन के गश्ती जहाज जापानी की समुद्री सीमा में घुसपैठ कर चुके हैं। चीन के जहाजों की हरकतों को देखते हुए जापान ने अपने इंटरनेशनल मरीन बॉर्डर पर बीते कुछ महीनों से गश्त तेज कर दी है। एक दिन पहले ही मलेशिया ने भी चीन की मछली पकड़ने वाली 6 नावें जब्त कर ली थी। जापान के दक्षिण पश्चिम इलाके में ही सेनकाकू या दायायू आइलैंड है। यही चीन के साथ जापान के विवाद की वजह है। फिलहाल यहां जापान का कब्जा है, लेकिन चीन पर इस पर अपना दावा करता है। यह दक्षिण चीन सागर के पास है। इस आइलैंड के पास 12 मील का इंटरनेशनल एयर रूट भी है।
हालांकि, चीन इसे नहीं मानता और अक्सर जापान के एयर स्पेस में घुस आता है। इसे देखते हुए जापानी एयरफोर्स को हमेशा अलर्ट रहना होता है। चीन पहले कुछ मौकों पर कह चुका है कि उसने सेनकाकू आइलैंड के पास कोई नियम नहीं तोड़ा है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान के मुताबिक, यह आइलैंड शुरुआत से चीन का हिस्सा रहा है। हम अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए अटल हैं। यहां पर हमारी सेना के प्लेन्स अपनी रूटीन उड़ाने भरते हैं। हमारी नौसेना भी नियमित तौर पर पैट्रोलिंग करती है। यह किसी भी तरह से इंटरनेशनल कानून का उल्लंघन नहीं है। इससे किसी देश को कोई खतरा नहीं है।