अल जजीरा के ऑफिस पर इजरायल की छापेमारी, सादे कपड़ों में पहुंची पुलिस, कैमरे तोड़े, उपकरणों को किया नष्ट
Updated on
06-05-2024 12:45 PM
तेल अवीव: इजरायल ने कतर के स्वामित्व वाले प्रसारक अल जजीरा के कार्यालयों को रविवार को बंद करने का आदेश दिया। इसके बाद इजरायली अधिकारियों ने अल जजीरा के कार्यालय के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले जेरूसलम होटल के कमरे पर छापा मारा। ऑनलाइन प्रसारित वीडियो में सादे कपड़ों में अधिकारियों को एक होटल के कमरे में कैमरा उपकरण को नष्ट करते हुए दिखाया गया है। प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की कैबिनेट ने गाजा में युद्ध जारी रहने तक नेटवर्क को यह कहते हुए बंद कर दिया कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। इस बीच अल जजीरा ने कहा कि यह कदम एक "आपराधिक कार्रवाई" थी जिसने उसके पत्रकारों को खतरे में डाल दिया। अल जजीरा ने कहा कि कि वह हर कानूनी कदम उठाने का अधिकार सुरक्षित रखता है।
अल जजीरा के उपकरणों को जब्त करने का आदेश
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार ने यह आदेश ऐसे वक्त दिया है, जब कतर गाजा में युद्ध को लेकर इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम समझौते में मदद कर रहा है। इजरायल के इस आदेश के तहत प्रसारण उपकरणों को जब्त किया जाएगा, चैनल की रिपोर्ट के प्रसारण को रोका जाएगा और उसकी वेबसाइट को अवरुद्ध किया जाएगा। माना जाता है कि यह पहली बार है जब इजरायल ने किसी विदेशी समाचार संस्थान के कामकाज को रोक दिया है।
अल जजीरा पर हमास के समर्थन का आरोप
'अल जजीरा' सात अक्टूबर को हमास के इजरायल पर हमले के बाद से लगातार युद्ध की खबरें प्रसारित करता रहा है। युद्ध में हताहतों की जमीनी रिपोर्टिंग सहित, 'अल जजीरा' की अरबी शाखा अक्सर हमास और क्षेत्र के अन्य आतंकवादी समूहों के वीडियो बयान जारी करती है, जिसकी नेतन्याहू सरकार ने काफी आलोचना की है।
नेतन्याहू ने अल जजीरा पर लगाए गंभीर आरोप
नेतन्याहू ने एक बयान में कहा, ''अल जजीरा के पत्रकारों ने इजरायल की सुरक्षा को नुकसान पहुंचाया और सैनिकों के खिलाफ भड़काया। अब हमारे देश से हमास के मुखपत्र को बाहर करने का समय आ गया है।'' 'अल जजीरा' ने एक बयान में कहा कि वह ''अपने अधिकारों और पत्रकारों, साथ ही जनता के सूचना के अधिकार की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय कानूनी संस्थाओं के माध्यम से सभी उपलब्ध कानूनी उपाय का सहारा लेगा।''
अल जजीरा ने बताया प्रेस का दमन
'अल जजीरा' ने कहा, ''इजरायल द्वारा स्वतंत्र प्रेस का लगातार दमन, अंतरराष्ट्रीय और मानवीय कानून का उल्लंघन है। इजरायल के इस प्रयास को गाजा पट्टी में अपने कृत्यों को छिपाने के प्रयास के रूप में देखा जाता है।'' गाजा में युद्ध की शुरुआत के बाद से 140 से अधिक फलस्तीनी पत्रकारों के जान गंवाने का जिक्र करते हुए बयान में कहा गया कि यह आदेश 'अल जजीरा' को युद्ध कवर करने की अपनी प्रतिबद्धता से नहीं रोक पाएगा।
विदेशी मीडिया पर कार्रवाई करता रहा है इजरायल
इजरायल की मीडिया ने कहा कि सरकार के फैसले के अनुसार चैनल को देश में 45 दिन के लिए संचालन से रोक दिया जाएगा। इजरायल की सरकार पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई करती रही है लेकिन खासकर विदेशी मीडिया संस्थानों के कामकाज में दखल नहीं देती। हालांकि पिछले महीने बनाए गए एक कानून में इसमें बदलाव किया गया। नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा कि नए कानून के बाद सरकार ''देश को नुकसान'' पहुंचाने वाले विदेशी चैनल के खिलाफ कार्रवाई कर सकेगी।
इजरायल में अल जजीरा का प्रसारण बंद
आदेश के कुछ ही घंटों बाद इजरायल के मुख्य केबल प्रदाता ने 'अल जजीरा' का प्रसारण बंद कर दिया। हालांकि, इसकी वेबसाइट और कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर स्ट्रीमिंग लिंक संचालित हो रहे हैं। 'अल जजीरा' का मुख्यालय कतर की राजधानी दोहा में है। इस फैसले से कतर के साथ इजरायल का तनाव बढ़ने का खतरा है। यह फैसला ऐसे वक्त हुआ है, जब कतर सरकार मिस्र और अमेरिका के साथ गाजा में युद्ध रोकने के लिए मध्यस्थता प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
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