जेनेवा । कोरोना महामारी के कारण दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं पर बुरा प्रभाव पड़ा था। लेकिन तीसरी तिमाही में उनमें सुधार दिखाने लगा था। हालांकि अब इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (आईएमएफ) का कहना है कि कोरोना से संक्रमितों की संख्या एक बार फिर से बढ़ रही है, इसकारण इकोनॉमिक रिकवरी की रफ्तार धीमी हो गई है। आईएमएफ के प्रबंध निदेशक (एमडी) क्रिस्टालिना जॉर्जिवा ने दुनिया भर की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के नेताओं के साथ होने वाली वर्चुअल बैठक के लिए एक नोट तैयार किया है। नोट में उम्मीद जाहिर की है कि कोरोना से लड़ने के लिए जो वैक्सीन तैयार की जा रही है, उससे इसका खात्मा हो सकेगा। जी-20 की वर्चुअल बैठक इस हफ्ते सऊदी अरब आयोजित कर रहा है। बैठक का मुख्य फोकस वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिर करने और अगले साल गति देने का रहेगा। पिछले महीने आईएमएफ का आकलन था कि वैश्विक अर्थव्यवस्था इस साल 4.4 फीसदी की दर से सिकुड़ सकती है। इसके बाद उसमें रिकवरी होगी और अगले साल उसमें 5.2 फीसदी का उछाल आ सकता है।
जॉर्जिवा का कहना है कि अब जब वैक्सीन की सकारात्मक उम्मीद दिख रही है, उसके बावजूद इकोनॉमिक रिकवरी बहुत मुश्किल दिख रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि एक बार फिर कोरोना तेजी से फैल रहा है और इसके कारण एक बार फिर कठोर लॉकडाउन लगाए जा सकते हैं। आईएमएफ के इस अनुमान के मुताबिक इकोनॉमिक ग्रोथ धीमी रहेगी और सार्वजनिक कर्ज में बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा अर्थव्यवस्था पर कोरोना के कारण लंबे समय तक प्रभाव पड़ने की आशंका दिख रही है।