नई दिल्ली महामारी कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रतिकूल असर स्वास्थ्य और पर्यटन क्षेत्र पर पड़ा है। यह बात सेवा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी अपोलो हॉस्पिटल एंटरप्राइज ने कहा है। कंपनी एक निदेशक ने कहा कि देश के चिकित्सा पर्यटन क्षेत्र को फिर से खड़ा होने के लिए सरकार के समर्थन की जरूरत है। कोरोना वायरस महामारी से यह क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है। अपोलो हॉस्पिटल्स समूह की संयुक्त प्रबंध निदेशक संगीता रेड्डी ने कहा, ‘लॉकडाउन के दौरान चिकित्सा पर्यटन क्षेत्र पूरी तरह ठहर गया। इससे न केवल भारत बल्कि थाइलैंड, सिंगापुर, मलेशिया और अन्य एशियाई देश भी प्रभावित हुए।’ उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में अब ढील दी गई है, लेकिन मरीजों को इलाज के लिए लाने को सरकारों के स्तर पर बातचीत की जरूरत है। रेड्डी ने उदाहरण देते हुए कहा कि मलेशिया में ब्रुनेई से कुछ मरीज ओपन हार्ट सर्जरी के लिए गए हैं। यह सरकारी स्तर पर बातचीत की वजह से संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि इस तरह भारत में भी सरकार के समर्थन की जरूरत है, तभी चिकित्सा पर्यटन क्षेत्र फिर खड़ा हो सकेगा। उन्होंने कहा कि भारत में चिकित्सा मूल्य यात्रा पर्यटन अभी शुरुआती चरण में है, लेकिन इस क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं हैं। रेड्डी ने बताया कि नीति आयोग का भी मानना है कि चिकित्सा पर्यटन वृद्धि में बड़ा योगदान दे सकता है। यह विदेशी मुद्रा आय का बड़ा स्रोत है। रेड्डी ने कहा, ‘दुनिया में लॉकडाउन हट रहा है और धीरे-धीरे मरीज आने शुरू हो रहे हैं। दुनिया में लोग लागत को लेकर काफी सजग हैं। इस दृष्ट से भारत लाभ की स्थिति में है। यहां उच्च गुणवत्ता वाला इलाज बेहतर मूल्य पर उपलब्ध है।’ कंपनी के पोर्टफोलियो में चिकित्सा पर्यटन की भूमिका का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि पिछले साल करीब 50 देशों के मरीज अपोलो हॉस्पिटल में इलाज के लिए आए थे। यह अपोलो के प्रति उनके भरोसे को दर्शाता है।