जिनेवा । वैश्विक महामारी कोविड-19 का घातक रूप 'दूसरी लहर' के साथ फिर कहर ढाने के लिए तैयार है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के क्षेत्रीय निदेशक ने कहा है कि सर्दियों के करीब आते ही पूरे एशिया में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और संक्रमण से बड़ी संख्या में मौत के मामले रोकने के लिए देशों को पाबंदियों को और कड़ा करने और बचाव के कदम उठाने की जरूरत है। डब्ल्यूएचओ के पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्र के निदेशक अहमद अल मंधारी ने काहिरा में कहा कि दक्षिण-पश्चिम एशियाई देशों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और उन्हें अब सेकेंड वेव के लिए तैयार हो जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के देशों ने वर्ष की शुरुआत में कड़े लॉकडाउन लागू किए लेकिन अब वे ढिलाई बरत रहे हैं। उन्होंने कहा कि महामारी से बचने के मूलभूत उपायों-सामाजिक दूरी का पालन करने से लेकर मास्क लगाने तक का हमारे क्षेत्र में पूरी तरह से पालन नहीं हो रहा है और इसी का परिणाम है कि क्षेत्र भर के अस्पताल मरीजों से भरे पड़े हैं। बता दें कि दुनियाभर में अब तक 5.72 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 3.96 करोड़ लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 13.64 लाख लोगों की जान जा चुकी है।
दुनिया भर में अब 1.61 करोड़ मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है, यानी एक्टिव केस हैं। क्षेत्रीय निदेशक ने कहा कि पिछले नौ माह में संक्रमण से क्षेत्र में 36 लाख से अधिक लोग बीमार हुए है और 76 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और इतनी ही संख्या में लोगों की जिंदगी दांव पर हैं। उन्होंने कोविड मरीजों की संख्या को लेकर लगाए जा रहे अनुमानों को हकीकत में बदलने से रोकने के लिए सुरक्षात्मक कदम उठाने की अपील की। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि दुनिया के जिन देशों के अस्पतालों में संक्रमितों के इलाज में रेमडेसिविर इंजेक्शन का इस्तेमाल हो रहा है, उन्हें फौरन इसे रोकना चाहिए। संगठन के मुताबिक, इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि यह दवा कोरोना के इलाज में मददगार है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले महीने इलेक्शन कैम्पेन के दौरान जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप संक्रमित हुए थे तो उनके इलाज में रेमडेसिविर का इस्तेमाल किया गया था। डब्ल्यूएचओ लगातार इसके इस्तेमाल को रोक लगाने की सलाह दे रहा है।
जारी बयान में डब्ल्यूएचओ ने कहा- हमारी गाइडलाइन कमेटी यह सलाह देती है कि अगर रेमडेसिविर का अस्पतालों में इस्तेमाल किया जा रहा है तो इसे बंद कर देना चाहिए। हमें इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि कोविड पेशेंट्स के इलाज में यह कारगर है। डब्ल्यूएचओ की सलाह कई लोगों को चौंका सकती है। दरअसल, कई देशों के मेडिकल साइंटिस्ट्स ने साफ तौर पर इसके इस्तेमाल की सलाह दी है। उधर अमेरिका में सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने देश के नागरिकों से अपील की कि वे थैंक्सगिविंग डे पर यात्रा करने से बचें। सीडीसी के डायरेक्टर डॉक्टर हेनरी वेक ने कहा- हम जितना ज्यादा सफर करेंगे, महमारी का खतरा उतनी ही तेजी से फैलता जाएगा और यह सबके लिए खतरनाक है। फिर भी अगर आप यात्रा करना ही चाहते हैं तो हर उस गाइडलाइन का पालन करें जो हमने जारी की हैं। हम जानते हैं कि छुटि्टयों का हर कोई लुत्फ उठाना चाहता है, लेकिन कुछ खतरों को किसी भी हाल में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।