Select Date:

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर का निधन:100 साल की उम्र में ली आखिरी सांस, उन्हें कैंसर था; 2002 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला

Updated on 30-12-2024 02:23 PM

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर का रविवार देर रात जॉर्जिया स्थित अपने घर में 100 वर्ष की आयु में निधन हो गया है।

1 अक्टूबर 1924 को जन्मे कार्टर 1977 से 1981 तक अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति रहे। वे अमेरिकी इतिहास में सबसे ज्यादा जीवित रहने वाले राष्ट्रपति रहे।

कार्टर कुछ समय से मेलानोमा बीमारी से पीड़ित थे। यह एक तरह का स्किन कैंसर होता है। यह उनके लिवर और दिमाग तक फैल चुका था।

2023 में उन्होंने हॉस्पिस केयर लेने का फैसला किया। हॉस्पिस केयर में हॉस्पिटल में इलाज कराने से मना कर दिया जाता है। तब कुछ नर्सिंग स्टाफ और परिवार के लोग घर पर ही मरीज की देखभाल करते हैं।

राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद कई साल तक उन्होंने अपनी संस्था 'कार्टर सेंटर' के जरिए मानवता के काम किए। इसके लिए उन्हें 2002 में नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया था।

कार्टर के बेटे बोले- मेरे पिता उन सबके लिए हीरो थे, जो प्यार में यकीन करते हैं 

जिमी कार्टर के बेटे चिप कार्टर ने रॉयटर्स से कहा, 'न सिर्फ मेरे लिए, बल्कि उन सभी लोगों के लिए हीरो थे, जो शांति, मानवाधिकार और निस्वार्थ प्रेम में विश्वास रखते हैं। जिस तरह से वे लोगों को साथ लाया करते थे, उसकी वजह से आज यह पूरी दुनिया हमारा परिवार है।'

जिमी कार्टर के निधन पर राजनेताओं के बयान...

जो बाइडेन: दुनिया ने असाधारण नेता खो दिया

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि आज अमेरिका और दुनिया ने एक असाधारण नेता, राजनेता और मानवतावादी खो दिया। छह दशक तक हमें जिमी कार्टर को अपना करीबी दोस्त कहने का सम्मान मिला, लेकिन जिमी कार्टर के बारे में असाधारण बात यह है कि अमेरिका और दुनिया भर के लाखों लोग जिन्होंने उनसे कभी मुलाकात नहीं की, वे भी उन्हें अपने करीबी दोस्त जैसा ही मानते थे।

बराक ओबामा: प्रेसिडेंट कार्टर ने हमें गरिमापूर्ण जीवन का अर्थ समझाया 

पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने जिमी कार्टर के निधन पर दुख जताया। उन्होंने कहा- राष्ट्रपति कार्टर ने हम सभी को सिखाया कि गरिमा, न्याय, सेवा और अनुग्रह से भरा जीवन जीने का क्या अर्थ होता है। मिशेल और मैं कार्टर परिवार और उन सभी के प्रति अपनी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं भेजते हैं, जिन्होंने इस बेमिसाल व्यक्ति से प्रेम किया और उनसे सीख ली।

डोनाल्ड ट्रंप: कार्टर ने हमारी जिंदगी सुधारने के लिए अपनी पूरी ताकत लगाई 

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि राष्ट्रपति के तौर पर जिमी कार्टर ने एक अमिट धरोहर छोड़ी है। जिमी उस वक्त राष्ट्रपति रहे जब अमेरिका एक महत्वपूर्ण समय से गुजर रहा था। इस दौरान उन्होंने कई चुनौतियों का समाना किया और सभी अमेरिकियों का जीवन सुधारने के लिए अपनी पूरी ताकत लगाई।

हालांकि, मैं उनके विचारों और राजनीतिक दृष्टिकोण से असहमत था, लेकिन मैंने यह भी महसूस किया कि वह असल में हमारे देश और इसके आदर्शों से गहरा प्रेम करते थे। इसके चलते मेरे मन में उनके लिए सम्मान है।

किसान परिवार में पैदा हुए कार्टर अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति बने

साल 1924 में जिमी कार्टर का जन्म अमेरिका के जॉर्जिया में एक किसान परिवार में हुआ था। 1960 में वो राजनीति में आए और 1971 में पहली बार अपने राज्य के गवर्नर बने। इसके ठीक 6 साल बाद जिमी कार्टर ने रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति जेराल्ड फोर्ड को हराया और राष्ट्रपति बने।

अपने कार्यकाल में कार्टर ने कई बड़ी चुनौतियों का सामना किया। इनमें शीत युद्ध के तनाव, तेल की अस्थिर कीमत और नस्लीय समानता और महिला अधिकारों को लेकर कई अमेरिकी राज्यों में आंदोलन शामिल रहा।

1978 में कैंप डेविड समझौता कराया, मिडिल ईस्ट में शांति बहाल की 

उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि 1978 में कैंप डेविड एकॉर्ड था, जो मिस्र के राष्ट्रपति अनवर सादात और इजराइल के प्रधानमंत्री मेनाचेम बेगिन के बीच हुआ ऐतिहासिक शांति समझौता था। इस समझौते से मिडिल ईस्ट में शांति कायम हुई और कार्टर शांति समर्थक नेता के रूप में स्थापित हुए।

हालांकि, अमेरिका में बढ़ती मंदी और कार्टर की घटती लोकप्रियता उनके खिलाफ काम कर रही थी। तभी 1979 में ईरान में हुई क्रांति ने अमेरिकी समर्थक शाह को सत्ता से उखाड़ फेंका। इससे उनके खिलाफ ऐसा माहौल बना जिसकी वजह से 1980 के चुनाव में वे रोनाल्ड रीगन से हार गए।

जनता पार्टी की सरकार के दौरान भारत आए थे जिमी कार्टर

जिमी कार्टर भारत के दौरे पर आने वाले अमेरिका के तीसरे राष्ट्रपति थे। वो जनवरी 1978 में तीन दिन के दौरे पर भारत आए थे। जिमी कार्टर का यह दौरा तब हुआ था जब कुछ महीने पहले ही इमरजेंसी के बाद हुए चुनाव में जनता पार्टी को ऐतिहासिक जीत मिली थी और इंदिरा गांधी की हार हुई थी।

जिमी कार्टर के इस दौरे से 1971 में भारत-पाकिस्तान जंग और 1974 में भारत के परमाणु परीक्षण से दोनों देशों के बीच आया तनाव कम हुआ था। BBC मुताबिक कार्टर की मां लिलियन कई महीनों तक भारत में रही थीं। जब कार्टर भारत आए तो वो हरियाणा में गुरुग्राम के एक गांव दौलतपुर नसीराबाद भी गए थे। इसके बाद से उस गांव का नाम कार्टरपुरी रख दिया गया था।

कार्टर चाहते थे भारत परमाणु हथियार हासिल न करे 

साल 1974 में भारत ने बिना किसी को भनक लगे राजस्थान के पोखरण में पहला परमाणु परीक्षण किया था। इससे अमेरिका नाराज हो गया था। इसके चलते भारत पर कई तरह के प्रतिबंध भी लगाए गए थे। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक जब जिमी कार्टर 1978 में भारत आए तो उन्हें पूरा यकीन था कि वो भारत से NPT यानी नॉन प्रोलिफरेशन ट्रीटी पर साइन करवा लेंगे और हमेशा के लिए हमारे परमाणु हथियार हासिल करने का रास्ता बंद करवा देंगे। हालांकि ऐसा नहीं हो पााया।

तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने बड़ी चालाकी से उनके सामने तीन शर्तें रख दीं। उन्होंने कहा कि भारत NPT पर साइन कर देगा अगर दुनिया की सभी परमाणु शक्तियां भी ऐसा कर दें। दूसरी शर्त में उन्होंने कहा कि कोई भी परमाणु हथियार नहीं बनाएगा। तीसरी शर्त में उन्होंने कहा कि जितने देशों के पास परमाणु हथियार हैं अगर वो उन्हें खत्म कर देते हैं तो भारत भी कभी कोई परमाणु परीक्षण नहीं करेगा।




अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 03 January 2025
अलीगढ़ का युवक बादल बाबू प्रेमिका से मिलने के लिए बिना वीजा सरहद पार कर पाकिस्तान पहुंच गया। वहां से अपनी मां को वीडियो कॉल कर कहा- जिसके लिए घर…
 03 January 2025
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का मशहूर रिसॉर्ट मार-ए-लागो लगातार सुर्खियों में है। ट्रम्प का कहना है कि मेरा रिसॉर्ट पूरे ब्रह्मांड का केंद्र है। ट्रम्प के चुनाव जीतने…
 03 January 2025
बांग्लादेश की यूनुस सरकार ने शेख हसीना के पिता और पूर्व राष्ट्रपति शेख मुजीबुर्रहमान की विरासत को मिटाना शुरू कर दिया है। मौजूदा सरकार ने बांग्लादेश की पाठ्य पुस्तकों में…
 03 January 2025
रूस में रह रहे सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशर अल असद को जान से मारने की कोशिश की गई है। ब्रिटिश अखबार द सन के मुताबिक 59 साल के असद…
 03 January 2025
FBI ने गुरुवार को कहा कि न्यू ऑरलियन्स हमले में शमसुद्दीन जब्बार अकेला आतंकवादी था और वह इस्लामिक स्टेट (ISIS) का समर्थक था। वह इसी साल गर्मियों में ISIS में…
 03 January 2025
कोविड-19 के 5 साल बाद चीन में फिर एक बार नए वायरस का संक्रमण फैल रहा है। इसके लक्षण भी कोरोना वायरस की तरह ही है। इस नए वायरस का…
 02 January 2025
रूस की सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी गाजप्रोम और यूक्रेन के बीच पाइपलाइन के जरिए यूरोपीय देशों को गैस भेजने का समझौता अब टूट गया है। अलजजीरा के मुताबिक गाजप्रोम ने…
 02 January 2025
अमेरिकी राज्य न्यूयॉर्क के क्वीन्स शहर में बुधवार देर रात एक नाइट क्लब में गोलीबारी हुई है। इस गोलीबारी में लगभग 11 लोग घायल हुए हैं।हमलावर ने एक 12 साल…
 02 January 2025
यूरोपीय देश मोंटेनेग्रो में नए साल के मौके पर एक शख्स ने बार में फायरिंग कर अपने ही परिवार के सदस्यों समेत 10 लोगों की हत्या कर दी। मरने वालों…
Advt.