नई दिल्ली । शंघाई
सहयोग संगठन के
विदेश मंत्रियों की
बैठक में शामिल
होने के बाद
विदेश मंत्री एस
जयशंकर ईरान की
राजधानी तेहरान जा सकते
हैं। यहां वह
ईरान के विदेश
मंत्री के साथ
बैठक कर सकते
हैं। जयशंकर एक
हफ्ते से भी
कम समय में
ईरान की यात्रा
करने वाले दूसरे
भारतीय मंत्री होंगे। इससे
पहले राजनाथ सिंह
ने रविवार को
तेहरान में अपने
ईरानी समकक्ष ब्रिगेडियर
जनरल आमिर हाटामी
के साथ बैठक
की थी। इस
दौरान द्विपक्षीय सहयोग
और क्षेत्रीय सुरक्षा
मुद्दों पर बात
हुई। द्विपक्षीय संबंधों
और क्षेत्रीय स्थिति
की समीक्षा के
लिए दोनों विदेश
मंत्रियों से मिलने
की उम्मीद है।
हालांकि अभी तक
विदेश मंत्रालय द्वारा
इस बैठक को
लेकर कोई आधिकारिक
जानकारी नहीं दी
गई है। भारत
के वरिष्ठ मंत्रियों
का ईरान यात्रा
ऐसे समय पर
हो रही है
जब चीन और
ईरान व्यापार, राजनीति
और सुरक्षा में
25 साल की रणनीतिक
साझेदारी के लिए
एक समझौते के
करीब हैं। भारत
भी चाबहार बंदरगाह
में आर्थिक गतिविधियां
बढ़ाने के लिए
ईरान के साथ
मिलकर काम करने
का प्रयास कर
रहा है एलएसी
पर हालात बहुता
गंभीर एस जयशंकर
बॉर्डर पर तनाव
के बीच चीन
के विदेश मंत्री
वांग यी के
साथ मॉस्को में
संभावित वार्ता से पहले
विदेश मंत्री एस
जयशंकर ने सोमवार
को कहा कि
चीन के साथ
सीमा पर बनी
स्थिति को पड़ोसी
देश के साथ
समग्र रिश्तों की
स्थिति से अलग
करके नहीं देखा
जा सकता। विदेश
मंत्री ने पूर्वी
लद्दाख के हालात
को 'बहुत गंभीर
करार दिया और
कहा कि ऐसे
हालात में दोनों
पक्षों के बीच
राजनीतिक स्तर पर
'बहुत बहुत गहन
विचार-विमर्श की
जरूरत है। उन्होंने
अपनी नयी प्रकाशित
पुस्तक 'द इंडिया
वे का जिक्र
करते हुए कहा,
सीमा की स्थिति
को संबंधों की
स्थिति से अलग
करके नहीं देखा
जा सकता। मैंने
इस पुस्तक को
गलवान घाटी की
दुर्भाग्यपूर्ण घटना से
पहले लिखा था।