नकल के लिए पटवारी और तहसीलों के चक्कर नहीं लगाएंगे किसान
Updated on
10-08-2020 06:43 PM
भोपाल । अब जमीन की नकल के लिए किसानों को पटवारी एवं तहसीलों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। किसान कभी भी कहीं से भी जमीन की नकल निकाल सकेंगे। राजस्व विभाग ने जमीन से जुड़े दस्तावेज एवं नक्शों को ऑनलाइन कर दिया है। जिससे किसान तय फीस देकर कहीं से भी नकल निकलवा सकेंगे। खास बात यह है कि कंप्यूटराइज्ड नकल बैंक समेत अन्य सभी कार्यालयों में मान्य की जाएगी।
किसानों को बैंक से कर्ज लेने से लेकर समर्थन मूल्य पर फसल बेचने के लिए जमीन से जुड़े सत्यापित दस्तावेज बैंक एवं सरकारी कार्यालयों में जमा करने होते हैं। सत्यापित दस्तावेजों के लिए किसानों को पटवारी एवं तहसील कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। अब राजस्व विभाग ने जमीन से संबंधित दस्तावेज पोर्टल पर ऑनलाइन कर दिए हैं। राजस्व विभाग अधिकारियों के अनुसार अभी तक 3.5 करोड़ दस्तावेज ऑनलाइन कर दिए हैं। 15 करोड़ दस्तावेज ऑनलाइन होना है। अब किसान किसी भी कियोस्क सेंटर या अन्य किसी जगह से जमीन की नकल निकलवा सकता है। इसके लिए पहले एक पेज की फीस 30 रुपए एवं अन्य पेजों के लिए 10 रुपए प्रति पेज की ऑनलाइन फीस चुकानी होगी। खास बात यह है कि ये दस्तावेज बैंक एवं अन्य सभी जगहों पर मान्य किए जाएंगे। बैंक किसान को यह कहकर नहीं लौटा सकते कि दस्तावेज फिजिकल सत्यापित नहीं है।
बैंकों को दिए अधिकार, फिर भी किसानों को कर रहे परेशान
किसान जमीन के दस्तावेजों के आधार पर बैंकों से कर्जा लेते हैं। फसल ऋण एवं अन्य कृषि ऋणों के लिए खसरा, खतौनी एवं नक्शा अनिवार्य होता है। अब राजस्व विभाग ने सभी बैंकों को आईडी एवं पासवर्ड दे रखे हैं, जिससे वे बैंक से कर्जा लेने वाले किसान की जमीन को कर्जराशि के आधार पर खुद बंधक बना सकते हैं। साथ ही जरूरत पडऩे पर जमीन से संबंधित दस्तावेजों का ऑनलाइन अवलोकन कर सकते हैं एवं कॉपी भी निकाल सकते हैं। प्रदेश के 30 फीसदी बैंक ही इस प्रक्रिया को अपना रहे हैं। ज्यादातर बैंक बंधक बनाने से लेकर जमीन के दस्तावेजों के किसानों को तहसीलों के चक्कर लगवा रहे हैं। बैंकों की इस प्रक्रिया से राज्य सरकार बेहद नाराज है। पिछली समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव राजस्व एवं आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त ने बैंकों से नई व्यवस्था के तहत जमीन को बंधक बनाने एवं दस्तावेज अपलोड करने के निर्देश दिए। जिससे किसानों को बेवजह परेशान नहीं होना पड़े।
इनका कहना है
किसान कहीं से भी नकल निकलवा सकते हैं। बैंकों को भी कर्जदार किसान की जमीन बंधक बनाने के अधिकार दिए हैं। बैंकों को निर्देशित किया है कि वे कर्ज लेने वाले किसान की जमीन खुद ही बंधक करें और ऑनलाइन दस्तावेजों का अवलोकन करेंं।
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