नई दिल्ली। यूपी के
पीलीभीत नेपाल बॉर्डर पर
चीन की सैटेलाइट
देखे जाने के
बाद सुरक्षा एजेंसियों
में खलबली मच
गई। सूचना मिलते
ही डीएम, एसपी
पीलीभीत, डीआईजी बरेली रेंज,
एसएसपी बरेली ने त्रिशूल
एयर फोर्स स्टेशन
के इंटेलिजेंस अफसरों
से संपर्क साधा
है। तमाम सुरक्षा
एजेंसियों से बातचीत
की गई। नेपाल
पीलीभीत बॉर्डर पर सुरक्षा
का घेरा बढ़ा
दिया गया है।
पूरे इलाके में
एसएसबी और पुलिस
ने पेट्रोलिंग की
लेकिन किसी तरीके
की हलचल और
जानकारी की पुष्टि
नहीं हुई पुलिस
सूत्रों के मुताबिक,
सेंट्रल इंटेलिजेंस दिल्ली ने
नेपाल बॉर्डर पर
पीलीभीत में सेटेलाइट
के जरिये तस्वीर
लिए जाने का
अलर्ट जारी किया
था। इसके बाद
गुरुवार देर रात
तक तमाम अधिकारी
और एजेंसियां सक्रिय
हो गए। मामले
की छानबीन चलती
रही। डीआईजी रेंज
राजेश पांडेय, एसएसपी
शैलेश कुमार पांडेय
ने एयरफोर्स स्टेशन
के अधिकारियों, आर्मी
इंटेलिजेंस के अफसरों
से बातचीत की।
आईबी के अधिकारियों
से भी घटना
के बारे में
जानकारी ली गई।
डीआईजी ने एसपी
पीलीभीत से पूरे
मामले की रिपोर्ट
ली। नेपाल बॉर्डर
पर तैनात अधिकारियों
से भी बातचीत
की गई। पूरे
नेपाल बॉर्डर पर
डीआईजी ने अलर्ट
जारी कर दिया
है। पेट्रोलिंग बढ़ा
दी गई है।
भारत-चीन का
विवाद कोई नया
नहीं है। ४५
सालों में भारत
से चीन का
करीब तीन बार
विवाद हो चुका
है। दोनों देशों
में आपसी सहमति
के बाद विवाद
को सुलझाया साथ
ही व्यापार और
निवेश को लंबे
समय तक चलते
रहने दिया। १९६२
में भारत और
चीन के बीच
हुए युद्ध को
अब तक सबसे
बड़ा युद्ध माना
गया है। उस
समय यह युद्ध
करीब एक महीने
तक चला था।
उसे समय गलवान
के आर्मी पोस्ट
पर तैनात भारतीय
सेना के ३३
जवान शहीद हो
गए थे। दर्जनों
सैनिकों को बंदी
भी बनाया गया
था। इसके बाद
चीन ने अक्साई-चीन पर
अपने दावे वाले
क्षेत्र पर कब्जा
कर लिया था।
यहीं से भारत
और चीन के
बीच युद्ध की
शुरुआई हुई थी
जो अब तक
जारी है। १९६७ में
नाथु ला में
चीन और भारत
के कई सैनिक
मारे गए थे।
इस बच दोनों
देशों की सेनाओं
ने अलग-अलग
दावते किए थे।
इसके बाद १९७५
में भारतीय सेना
के गश्ती दल
पर अरुणाचल प्रदेश
में एलएसी पर
चीनी सेना ने
हमला किया था।
१९६२ की लड़ाई
के बाद भारत-चीन सीमा
पर फिर से
विवाद बढ़ गया
है। गलवान घाटी
को अपने-अपने
देश का हिस्सा
बताकर दोनों देश
की सेनाओं में
विवाद उत्पन्न हुआ
है। जिस समय
दुनियाभर के लोग
कोरोना संकट से
जूझ रहे थे
तो वहीं दूसरी
तरफ भारत और
चीन सीमा विवाद
को लेकर आमने-सामने आ गए
थे। अप्रैल के
तीसरे सप्ताह में
शुरू हुई यह
जंग अब तक
जारी है। इसके
बाद दोनों देशों
की सीमाओं पर
सुरक्षा बढ़ा दी
गई थी। गलवान
घाटी पर भारत
और चीन सीमा
के बढ़ रहे
विवाद के बाद
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी
गलवान घाटी का
दौरा कर चुके
हैं। यही नहीं
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और
सेना अध्यक्ष जनरल
नरावण ने भी
सीमा का दौरा
किया था।