डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया की जानकारी निजी अस्पतालों को देना अनिवार्य
Updated on
26-06-2020 07:16 PM
मच्छरों से होने वाली बीमारियों को अब अधिसूचित संक्रामक रोग की श्रेणी में किया शामिल
भोपाल । एक तरफ कोरोना संक्रमण फैल ही रहा है, वहीं दूसरी तरफ बारिश के दिनों में भी कई तरह की संक्रामक बीमारियां होती हैं। मच्छरों का प्रकोप बढऩे के कारण उनसे होने वाली डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया, चिकनगुनिया सहित अन्य बीमारियों को भी अब प्रदेश शासन ने अधिसूचित संक्रामक रोगों की श्रेणी में शामिल कर लिया है। इससे निजी अस्पतालों को भी इन बीमारियों से पीडि़त मरीजों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करवाना पड़ेगी। गजट नोटिफिकेशन भी शासन ने जारी कर दिया है। हर साल बड़ी संख्या में इन बीमारियों से भी लोग पीडि़त होते हैं, जिनमें से कई की मौत भी हो जाती है।
अभी सबसे ज्यादा दहशत कोरोना को लेकर है, जिसके कारण तीन महीने से अधिक समय तक कफ्र्यू-लॉकडाउन के चलते लोगों को अपने घरों में कैद रहना पड़ा और अभी भी संक्रमण खत्म नहीं हुआ है। फीवर क्लीनिक भी शासन ने शुरू करवाए हैं, जहां पर कोरोना संदिग्ध मरीजों की जांच-पड़ताल की जा रही है। सर्दी, जुखाम, खांसी, बुखार के मरीजों की जांच के बाद संदिग्ध मिलने पर उनके कोरोना टेस्ट भी करवाए जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ हर साल बारिश के दिनों में कई तरह की संक्रामक बीमारियां प्रदूषित पानी और मच्छरों के कारण होती है, जिसमें उल्टी, दस्त के अलावा चिकनगुनिया, फाइलेरिया, डेंगू, मलेरिया और चिका जैसी बीमारियां प्रमुख रही है, जिससे बड़ी संख्या में लोग प्रभावित होते हैं और मृत्यु भी कई लोगों की हो जाती है।
भोपाल में ही विगत कई वर्षों में डेंगू, चिकनगुनिया का प्रकोप काफी रहा है। वहीं अब कोरोना संकटकाल के बीच मध्यप्रदेश सरकार ने मच्छर जनित बीमारियों के संक्रमण को रोकने के लिये अहम आदेश जारी किया है। गजट में हुए प्रकाशन के बाद अब मच्छरो के जरिए फैलने वाली बीमारियों डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया, चिकनगुनिया के साथ ही जैपनीज इंसेफेलाइटिस अब अधिसूचित संक्रामक रोगो (नोटिफाइड इन्फेक्शियस डिसीज) की श्रेणी में आयेगे। इससे इन बीमारियों के ज्यादा संक्रमण वाले इलको में रोकथाम के लिये काम करने वाले स्वास्थ्य विभाग, मलेरिया और नगर निगम का अमला और ज्यादा प्रभावी तरीके से कन्ट्रोल कर पायेगा। साथ ही निगम और मलेरिया विभाग का अमला बिना सर्च वारंट के घरो के अंदर लार्वा सर्वे की जांच कर सकेगा। प्राप्त जानकारी अनुसार मौजूदा हालात में कोरोना से ज्यादा खतरनाक बीमारियों में मच्छरों के जरिए फैलने वाले रोगो डेंगू, चिकनगुनिया, जीका में भी मृत्यु दर काफी अधिक रहती है। एक्ट में शामिल न होने के कारण प्रायवेट अस्पताल और नर्सिग होम इन बीमारियों के मरीजो की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को नहीं देते थे। इससे इन बीमारियों के संक्रमण का सही स्तर पता नहीं लग पाता था। गजट नोटिफिकेशन के बाद अब इन बीमारियों के मरीजो की जानकारी प्रायवेट चिकित्सा संस्थानों को स्वास्थ्य विभाग को देनी होगी। वहीं मेडिकल स्टोर्स से भी विभागीय महकमा दवाएं लेने वाले मरीजों की जानकारी तलब कर सकेगा। इसके अलावा नगर निगम का अमला मलेरिया विभाग के साथ कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव भी वार्डवार शुरू करेगा। वहीं प्रशासन द्वारा खुले में रखे जाने वाली खाद्य सामग्री, मिलावट और अन्य के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। हर साल स्वास्थ्य विभाग वर्षाकाल में संक्रामण रोगों से होने वाली बीमारियों से बचाव के दिशा-निर्देश जारी करता है, लेकिन इस बार कोरोना के कारण उसकी अन्य बीमारियों पर ध्यान ही नहीं दिया जा रहा, जबकि कोरोना के साथ लोग ज्यादा इन बीमारियों से भी ग्रसित होते हैं।
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