पेइचिंग । भारत के चीन से लगे 7 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 44 नए पुल बनाने से ड्रैगन बुरी तरह से बौखला गया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिन ने नए पुलों के बनाए जाने पर चिंता जाहिर कर कहा कि किसी भी पक्ष को इलाके में ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे स्थिति जटिल हो जाए। चीनी प्रवक्ता ने कहा कि सैन्य निगरानी और नियंत्रण के लिए किसी भी आधारभूत ढांचे का चीन विरोध करता है। चीनी प्रवक्ता का यह बयान उस समय पर आया है जब भारत ने सीमा से लगे इलाकों में 44 नए पुल बनाए हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा सड़क संगठन द्वारा 7 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बनाए गए पुलों का उद्घाटन किया। ये पुल 286 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुए है। राजनाथ के इन पुलों के उद्घाटन के बाद चीन को तीखी मिर्ची लगी है। ड्रैगन खुद भारत से लगे इलाके में बड़े पैमाने पर रोड और सैन्य ठिकाने बना रहा चीन अब उल्टे भारत पर स्थिति को जटिल बनाने का आरोप लगा रहा है। चीन लगातार अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड और अक्साई चिन इलाके में कई सैन्य अड्डे बना रहा है या फिर उस अपग्रेड कर रहा है। यही नहीं चीन ने इन ठिकानों पर घातक हथियार और मिसाइलें भी तैनात की हैं।
चीन की चुनौती से निपटने के लिए भारत तेजी से सीमा से लगे इलाके में आधारभूत ढांचे को मजबूत कर रहा है। रक्षा मंत्री ने इसके साथ ही नेचिफु टनल की भी आधारशिला रखी। बीआरओ ने एक साल में 54 पुलों का निर्माण करके रिकॉर्ड बनाया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि एक साथ इतनी संख्या में पुलों का उद्घाटन और टनल का शिलान्यास, अपने आप में एक बड़ा रिकॉर्ड है। सात राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित ये पुल कनेक्टिविटी और विकास के एक नए युग की शुरुआत होगी। बीआरओ के बनाए गए पुल भारत के लिए युद्ध से लेकर लोगों के लिए बड़े स्तर पर सुविधाजनक होगा।