वाशिंगटन । अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे लंबे इंतजार के बाद घोषित कर दिए गए हैं। जो बाइडेन राष्ट्रपति निर्वाचित हुए हैं, जबकि कड़े मुकाबले में डोनाल्ड ट्रंप को पराजय का सामना करना पड़ा है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार डोनाल्ड ट्रम्प को राष्ट्रपति चुनाव में पराजय के बाद आगे और मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। राष्ट्रपति पद से हटते ही उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, राष्ट्रपति रहते हुए डोनाल्ड ट्रंप पर कई घोटालों के आरोप लगाए गए थे, लेकिन चूंकि राष्ट्रपति पद पर रहते उन पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता था, इसलिए उन लगे आरोप केवल आरोप ही रह गए। राष्ट्रपति नहीं रहने की स्थिति में उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। राष्ट्रपति पद से हटने के बाद आपराधिक कार्यवाही के अलावा उनके वित्तीय मामलों की जांच की जा सकती है।
पेस यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर बैनेट गर्शमैन ने बताया कि जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद संभावना है कि डोनाल्ड ट्रंप पर आपराधिक मामले चलाए जा सकते हैं। ट्रंप पर बैंक, टैक्स, मनी लॉन्ड्रिंग, चुनावी धोखाधड़ी करने जैसे मामलों में आरोप लगे हैं। कुछ मामले तो मीडिया में भी सामने आए हैं, लेकिन जांच नहीं हुई।
वहीं, एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप पर 30 करोड़ डॉलर से ज़्यादा का कर्ज़ है जो उन्हें आने वाले चार सालों में चुकाना है। कोरोना की वजह से निज़ी निवेश अच्छी स्थिति में नहीं हैं। इस वजह से ट्रंप के राष्ट्रपति न रहने पर लेनदार कर्ज़ के भुगतान को लेकर कोर्ट जा सकते हैं। डोनाल्ड ट्रंप अक्सर अपने भाषणों में यह कहते आए हैं कि उनके आलोचक उनके खिलाफ साजिश करते हैं। राष्ट्राध्यक्ष बनने के पहले और बाद में भी उन पर झूठे आरोप लगाए गए हैं। ट्रंप ने स्पष्ट रूप से उनके ख़िलाफ़ लगे आरोपों से कई बार इनकार भी किया है। लेकिन उनके आलोचकों का कहना है कि ट्रंप का राष्ट्रपति पद उनकी क़ानूनी और वित्तीय समस्याओं का कवच था, जो अब टूट गया है।
गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप पर इसी साल घोटालों के आरोपों के चलते महाभियोग चलाया गया, लेकिन वह सफलतापूर्वक इससे बरी हो गए। उनके आलोचकों का कहना है कि महाभियोग के समय चलाई कई जांच और प्रक्रियाएं राष्ट्रपति को अभियोग से मिली सुरक्षा के दौरान हुई थीं। जिसकी वजह से न्याय व्यवस्था में ट्रंप की दखलअंदाजी भी हुई। जानकारों के अनुसार डोनाल्ड ट्रंप के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई में इस दखलअंदाजी को भी आधार बनाया जा सकता है।
डोनाल्ड ट्रंप पर आर्थिक धोखाधड़ी के अलावा चुनाव में भी धांधली करने का आरोप लगा था। जानकार बताते हैं कि मैनहटन के लिए अमेरिकी अटॉर्नी ने ट्रंप को माइकल कोहेन के साथ साज़िश में शामिल होने की बात कही थी। जिसके बाद साल 2018 में माइकल कोहेन को चुनावी गड़बड़ियों के लिए दोषी पाया गया था। लेकिन ट्रंप पर कोई आंच नहीं आई। इसके अलावा डोनाल्ड ट्रंप के साथ अफ़ेयर होने का दावा कर चुकी पॉर्न एक्ट्रेस स्टॉर्मी डैनियल्स को 2016 के चुनावों में पैसे देने का भी आरोप लगा था।