भोपाल । कोरोना वायरस के बढते मामलों के मददेनजर प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन 15 जून तक बढ़ा दिया है। हालांकि राज्य सरकार कंटेनमेंट क्षेत्रों में कोई रियायत देने का इरादा नहीं रखती है। 15 जून तक स्कूल-कॉलेज भी बंद रहेंगे। ग्रीन जोन में कुछ और राहत देने पर विचार किया जा रहा है। इन क्षेत्रों में लोक परिवहन बहाल किया जा सकता है और शाम से सुबह तक के कर्फ्यू का समय भी कुछ कम किया जा सकता है। अभी सरकार स्कूलों को भी 13 जून के बाद खोलने के पक्ष में है, लेकिन संक्रमण की स्थिति कुछ दिन और देखने के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा। संक्रमण मुक्त जिलों में बढ़ेगी छूटसरकार को पूरे एहतियात के साथ प्रदेश में आर्थिक गतिविधियां बढ़ाना हैं, इसलिए जो जिले या क्षेत्र संक्रमण मुक्त हो गए हैं, उनमें रियायतें बढ़ाई जाएंगी, पर किसी भी सूरत में कंटेनमेंट क्षेत्र में कोई रियायत नहीं देंगे। जिन नए स्थानों पर संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। उन्हें नया कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित किया जाएगा, लेकिन अब इनका दायरा पिछली बार से छोटा होगा। हालांकि जिलों में क्या और कब से खोला जाएगा और क्या नहीं खोला जाएगा, इसका अंतिम फैसला क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी (आपदा प्रबंध समिति) की बैठक में लिया जाएगा। जब कमेटी तैयार होगी, तभी रियायतें दी जाएंगी। लॉकडाउन-5 को लेकर केंद्र को भेजी जा रही रिपोर्ट राज्य सरकार ने लॉकडाउन-5 का खांका खींच लिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस चरण में दी जाने वाली रियायतों को लेकर शनिवार को प्रमुख विभागों के अफसरों के साथ बैठक की है। इसमें स्कूल, कॉलेज, सिनेमाघर, शॉपिंग मॉल, रेस्टोरेंट, धार्मिक स्थल कुछ शर्तों के साथ खोलने पर भी चर्चा हुई है। संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने पर भी चिंता जताई गई है। सभी बिंदुओं पर विचार-विमर्श कर चुकी राज्य सरकार केंद्रीय गृह मंत्रालय को जल्द रिपोर्ट भेज देगी। अपने वाहन से किसी भी जिले में जा सकेंगे सरकार ग्रीन जोन में अंदरूनी तौर पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट शुरू करने के पक्ष में दिखाई दे रही है, ताकि आवागमन सुलभ किया जा सके। ग्रीन जोन में अभी शाम सात से दूसरे दिन सुबह सात बजे तक कर्फ्यू रखा जा रहा है। सरकार इसमें भी छूट देने जा रही है। सबसे बड़ा फैसला अपने वाहन से किसी भी जिले में जाने की छूट देना होगा। यानी लोगों को दूसरे जिलों में जाने के लिए अब ई-पास नहीं लेना पड़ेगा। प्रवासियों को लेकर ज्यादा सख्ती प्रदेश में बढ़ते संक्रमण के लिए प्रवासियों को जिम्मेदार माना जा रहा है। इसे देखते हुए सरकार प्रवासियों की फिर से जांच कराने की तैयारी कर रही है। सरकार कलेक्टरों को प्रवासियों की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दे रही है।सूत्र बताते हैं कि सरकार शाम को सात बजे के बजाय रात 11 या 12 बजे से दूसरे दिन सुबह सात बजे तक कर्फ्यू रख सकती है।
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