नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में बदलाव किया है,इससे करोड़ों लोगों को बड़ा फायदा मिलने वाला है।नए बदलाव के तहत एनपीएस के जो पुराने उपभोगकर्ता इससे तय समय से पहले निकल चुके हैं, वे इससे फिर जुड़ सकते हैं। पीएफआरडीए ने इसकी इजाजत दे दी है। मौजूदा नियमों के मुताबिक उपभोगकर्ता चाहे तब 60 साल की उम्र पूरी होने से पहले इससे निकल सकते हैं। एनपीएस में निवेश मैच्योर होने पर निवेशक की 80 फीसदी राशि रेगुलर पेंशन में बदल जाती है, जबकि बाकी 20 फीसदी राशि वहां एकमुश्त निकाल सकता है। अब जिन लोगों ने 20 फीसदी रकम निकाल ली थी,वहां अगर दोबारा एनपीएस में जुड़ना चाहते हैं तो उन्हें यह रकम जमा करनी होगी। इसके अलावा वे रेगुलर पेंशन लेकर विदड्रॉल पेंशन प्रोसेस पूरा कर सकते हैं। इसके बाद वे नया एनपीएस अकाउंट खोल सकते हैं।
पीएफआरडीए के तहत एनपीएस अपने उपभोगकर्ता को रिटायरमेंट के लिए कम कीमत पर पेंशन फंड के जरिए एक मौका देता है।एनपीएस के फायदे वाले फीचर्स में पोर्टेबिलिटी, फ्लैक्सिबिटी, योगदान वितरित करने के लिए कई आसान माध्यम, पेंशन फंड का विकल्प, स्कीम की प्राथमिकता, एक्सलूसिव टैक्स बेनेफिट्स आदि शामिल हैं। एनपीएस के तहत उपभोगकर्ता को परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर दिया जाता है, जो यूनिक होता है। उपभोगकर्ता के पास एक समय पर एक सक्रिय परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर हो सकता है। इसकारण वे अपने मौजूदा एनपीएस अकाउंट को बंद करने के बाद नया अकाउंट खोल सकते हैं।एनपीएस के तहत, सब्सक्राइबर प्रीमेच्योर एग्जिट (60 साल की उम्र से पहले ही पैसा निकालना) या 60 साल की उम्र पर फाइनल एग्जिट या सुपरएनुएशन प्राप्त करने पर या बाद में किसी समय पर रेगुलेशन के मुताबिक चुन सकता है।