मध्यप्रदेश में शिक्षा विभाग के एक अफसर का अपने कर्मचारी से रुपए मांगने का ऑडियो सामने आया है। ऑडियो भोपाल जिला शिक्षा केंद्र के जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) ओपी शर्मा का है। इसमें वे अपने अधीनस्थ सहायक परियोजना समन्वयक (एपीसी) वीरेंद्र चौरसिया से रुपयों के लेन-देन की बातचीत कर रहे हैं।
चौरसिया ने दावा किया है कि डीपीसी शर्मा बार-बार पैसे की मांग करते हैं। कहते हैं कि जिले में इतने हॉस्टल्स और स्कूल हैं, कहीं से भी लेकर आओ, मुझे पैसा चाहिए। डीपीसी पर यह भी आरोप है कि वे कर्मचारियों से पद के बदले 50 हजार रुपए प्रतिमाह देने के लिए कहते हैं।
'ऑडियो में मेरी ही आवाज है। जिन पैसों की बात हो रही है, वो सरकारी राशि है, जो एडवांस के रूप में कर्मचारी वीरेंद्र चौरसिया को दी गई थी। मैं उसी को लौटाने की बात कह रहा हूं।'
रिश्वत नहीं दी तो कार्यमुक्त करने का आरोप वायरल कॉल रिकॉर्डिंग में डीपीसी ओपी शर्मा ने कर्मचारी वीरेंद्र कुमार चौरसिया से पैसे की मांग की है। वीरेंद्र कुमार चौरसिया नेकहा- मैं जिला शिक्षा केंद्र में सहायक परियोजना समन्वयक (एपीसी) के पद पर तैनात था। मुझसे डीपीसी शर्मा बार-बार पैसे की मांग कर रहे थे। कहते थे कि जिले में इतने हॉस्टल्स और स्कूल हैं, कहीं से भी पैसा लेकर आओ। मुझे पैसा चाहिए।
इस पर मैंने साफ कर दिया कि रिश्वत नहीं दूंगा और न ही किसी से जबरन वसूली करूंगा। इस पर उन्होंने मुझे कार्य मुक्त कर दिया। वे अब मुझे रिलीविंग लेटर नहीं दे रहे हैं। यही नहीं, मेरी गलत शिकायत भी कलेक्ट्रेट में कर दी। इसके बाद मैंने भी जिला कलेक्टर कार्यालय में आवेदन दिया है।
चौरसिया ने आगे कहा- डीपीसी शर्मा कह रहे हैं कि उन्होंने मुझे चेक दिया था, जिसे कैश करा लिया गया। यह आरोप पूरी तरह गलत है। यदि डीपीसी शर्मा ने सच में कोई चेक दिया है तो उसका सीरियल नंबर बताएं।
शफीक बोला- यह आवाज डीपीसी शर्मा की वायरल ऑडियो में डीपीसी शर्मा एक अन्य कर्मचारी शफीक को रुपए देने की बात कहते सुनाई दे रहे हैं। जब इस मामले में शफीक से बात की गई तो उन्होंने कहा- यह आवाज डीपीसी शर्मा की है। लेकिन, मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है। मुझे नहीं पता कि किस सरकारी राशि या रिश्वत की यह चर्चा हो रही है। मैं इस मामले में सोमवार को कलेक्टर को आवेदन भी दूंगा। डीपीसी ओपी शर्मा ने गलत रूप में मेरा नाम लिया है।
एक अन्य कर्मचारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा- डीपीसी ओपी शर्मा इसी तरह कर्मचारियों से पद के बदले पैसे की डिमांड करते हैं। कहते हैं कि स्कूलों और मदरसों का निरीक्षण कर इसकी भरपाई कर लेना।
डीपीसी बोले- सरकारी राशि लौटाने किया था कॉल वहीं, डीपीसी शर्मा ने सफाई देते हुए कहा- जब कोई कार्ययोजना बनती है तो जिला स्तर की बैठक होती है। इसके लिए कुछ राशि कार्यालय से दी जाती है। इसका चेक वीरेंद्र कुमार चौरसिया को दिया था। उन्होंने उसे कैश करवा लिया और राशि रख ली थी। कलेक्टर ने इन्हें हटा दिया है। मैंने पूरे स्टाफ के सामने यही राशि वापस मांगने के लिए उन्हें कॉल किया था।
एक प्रधान अध्यापक भी कर चुके शिकायत डीपीसी ओपी शर्मा के खिलाफ शासकीय बालक हायर सेकेंडरी स्कूल संत हिरदाराम नगर के प्रधान अध्यापक नागेंद्र सिंह पुंढीर भी राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक से शिकायत कर चुके हैं। पुंढीर ने शिकायत में लिखा है कि बीआरसी पद की चयन सूची में नाम होने के बावजूद उनका चयन नहीं किया गया था।
वहीं, एपीसी वीरेंद्र कुमार चौरसिया ने भी डीपीसी शर्मा की एक शिकायत आयुक्त लोक शिक्षण से की है। जिसमें कहा है कि उन्हें षड्यंत्र के तहत एपीसी पद से हटा दिया गया। इन दोनों ने मध्यप्रदेश शिक्षक संघ के अध्यक्ष से भी शिकायत की है।