चीन के खिलाफ अमेरिका का रोबोटिक ताकत पर दांव... हिंद प्रशांत क्षेत्र में ड्रैगन की दादागिरी को जवाब देगा 'प्रोजेक्ट 33'
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27-09-2024 05:09 PM
वॉशिंगटन: अमेरिका की नौसेना ने इंडो-पैसिफिक (हिंद प्रशांत क्षेत्र) क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य उपस्थिति का मुकाबला करने के उद्देश्य से एक नए रणनीतिक डॉक्यूमेंट का खुलासा किया है। डॉक्यूमेंट ताइवान पर हमले की चीन की योजनाओं को ध्यान में रखते हुए 2027 तक बीजिंग के साथ किसी टकराव की तैयारी पर जोर देता है। 19 सितंबर को अमेरिकी नौसेना ने इस डॉक्यूमेंट को सामने रखा है और प्रोजेक्ट 33 तैयार किया है।
यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यूएस नेवी के इस दस्तावेज में कहा है कि चीन ने अपनी सेनाओं को 2027 तक युद्ध के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है, ऐसे में हमें इस पर बहुत ध्यान देने की जरूरत है। यूएस नेवी अपने प्लान के दो प्रमुख उद्देश्य बताती है। एक- 2027 तक चीन के साथ संभावित संघर्ष की तैयारी करना और दूसरा- दीर्घकालिक रणनीतिक लाभ। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए नेवी ने प्रोजेक्ट 33 बनाया है।
प्रोजेक्ट 33: नौसेना की क्षमताओं को मजबूत करना
यूएसक नेवी की रणनीति का केंद्र 'प्रोजेक्ट 33' है, ये अमेरिका की युद्धरत नौसेना के लिए 2024 नेविगेशन योजना (एनएवीपीएलएएन) में शामिल पहल है। नेवी का लक्ष्य युद्ध परिदृश्यों में उनके प्रैक्टिकल एप्लीकेशन पर ध्यान देने के साथ 2027 तक रोबोटिक और स्वायत्त क्षमताओं को इंटिग्रेट करना है। नेवी का फोकस क्षेत्र जहाजों, पनडुब्बियों और विमानों के रखरखाव के साथ ही प्लेटफार्मों को शीघ्रता से एकीकृत करने के लिए रोबोटिक और स्वायत्त प्रणालियों का विस्तार करना है।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल की शुरुआत में यूएस की नौसेना ने ड्रोन और रोबोटिक युद्ध के लिए एक नई भूमिका स्थापित की और पश्चिम एशिया में मानव रहित संचालन के लिए एक यूनिट बनाई है। इसके बाद प्रमुख युद्धक्षेत्र पर सफलता के लिए कमांड सेंटर स्थापित करना और तट से बिजली का समर्थन और प्रोजेक्ट करने वाले महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को बहाल करना शामिल है।
ताइवान पर हमलावर रहा है चीन
यूएस नेवी का यह रणनीतिक दस्तावेज चीन और ताइवान के बीच बढ़ते तनाव के बीच आया है। 1949 में ताइवान की आजादी के बावजूद चीन इसे अपने हिस्से के रूप में देखता है। चीन से भी कह चुका है कि बलपूर्वक वह ताइवान को साथ मिलाएगा। ताइवान की आजादी के हिमायती और चीन के दावों को खारिज करने वाले लाई चिंग-ते के सत्ता में आने के बाद चीन काफी चिढ़ा हुआ है।
चीन की नौसैनिक क्षमताओं में बीते कुछ वर्षों में काफी वृद्धि हुई है। ऐसे में चीन के साथ संभावित संघर्ष में ताइवान का साथ देने के लिए अमेरिका को बी मजबूत नौसैनिक क्षमताओं की आवश्यकता होगी। अमेरिकी कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस की 2024 की एक रिपोर्ट से पता चला है कि चीन की नौसेना ने 2015 और 2020 के बीच युद्धक जहाजों की संख्या में अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है। इसने अमेरिकी चिंताओं को बढ़ाया है।
अमेरिकी नौसेना की सामरिक चुनौतियां
अमेरिकी नौसेना के हालिया रणनीतिक दस्तावेज में भी उसके सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों में यानी नौसेना के मुद्दों, जैसे- जहाज, पनडुब्बी और विमान निर्माण पर बात की गई है। ये दस्तावेज रोबोटिक और स्वायत्त प्रणालियों को इंडिग्रेट करने पर जोर देता है। दस्तावेज में कहा गया है कि 2027 तक यूएस नेवी एक संयुक्त बल के हिस्से के रूप में निरंतर युद्ध के लिए तैयार हो जाएगी।
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